मां इच्छादेवी मंदिर में उमड़ेगी आस्थाबुरहानपुर. जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर मां इच्छादेवी मंदिर में भक्तों की आस्था उमड़ेगी। इसे लेकर मंदिर ट्रस्ट की तैयारी पूरी हो गई है। पिछले साल नवरात्रि में पांच लाख भक्त पहुंचे थे। उसी हिसाब से तैयारी की गई है। मंदिर परिसर में भीड़ नियंत्रित रहे इसलिए इस साल तीन हजार स्क्वेयरफीट सभा मंडप नया बनाया है अब यहां 6 हजार स्क्वेयरफीट का सभा मंडप बढ़ गया।नवरात्रि उत्सव 3 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। इसे लेकर तैयारी चल रही है। रविवार को शाहपुर थाने में मंदिर ट्रस्ट समिति की ओर से बैठक का आयोजन भी किया गया। जहां तैयारी को लेकर चर्चा की गई। मंदिर ट्रस्ट की ओर से बताया गया कि 50 कर्मचारी हमारे ट्रस्ट की ओर से सेवा में जुटेंगे। जबकि पुलिस भी यहां ड्यूटी देगी। पूरे नवरात्रि उत्सव में गांव के अंदर मेले जैसा माहौल रहा।आवागमन के दो अलग अलग रास्ते तैयारनवरात्रि के दिन में सबसे अधिक भीड़ सप्तमी, अष्टमी और नवमी को रहती है। आवागमन में भक्तों को दिक्कत न हो न ही भीड़ के कारण कोई जनहानि हो इसलिए मां इच्छादेवी मंदिर ट्रस्ट ने दो अलग अलग रास्ते बना दिए। इस बार बड़ा निर्णय यह भी लिया गया कि अब मंदिर मरिसर में मेले की दुकान नहीं लगेगी। मंदिर से दूर यहां दुकान लगेगी ताकि भीड़ नियंत्रित हो सके। दुकानों के लिए यहां ले आउट डाल दिया गया है। नवरात्रि के पहले दिन से यहां सुबह 4 बजे से भक्तों की कतार देखने को मिलेगी।चुनरी यात्रा जाएगी मां इच्छादेवी मंदिरमां इच्छादेवी माता पर चुनरी ओढ़ाई जाएगी। 6 अक्टूबर को गजेंद्र पाटिल द्वारा यह विशाला चुनरी यात्रा शहर से निकाली जाएगी जो सुबह 7 बजे नवदुर्गा मंदिर फव्वारा चौक से शुरू होकर 25 किमी पैदल चलकर मंदिर पहुंचेंगी। प्रति वर्ष यह यात्रा निकलती है। इस बार यात्रा में आकर्षण बढ़ाने के लिए ढोल पथक और पंढरपुर पालकी रहेगी।इस साल 40 सीसीटीवी कैमरे लगाएमंदिर ट्रस्ट सचिव महेश पाटोंडिकर ने बताया कि सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। हर साल कैमरे रहते हैं, लेकिन इस साल 40 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, ताकि सुरक्षा का पूरा माहौल बना रहे। कोई भी घटना होने पर कैमरे के माध्यम से जल्द उस पर काबू पाया जा सकेगा। सडक़ से लेकर मंदिर तक यह कैमरे से नजर रखी जाएगी।ऐसा है मां इच्छादेवी मंदिर-मप्र और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित ग्राम इच्छापुर में मां ईच्छादेवी का प्राचीन मंदिर हैं। इस देवस्थान को तीर्थ क्षेत्र की गरीमा प्राप्त है। देवालय 450 वर्ष पुरातन है, जिसका निर्माण कार्य एक मराठा सूबेदार ने किया था। यह 125 फीट ऊंचाई पर पहाड़ी पर मंदिर बना है। मंदिर में माता के दर्शन के लिए बुरहानपुर सहित खंडवा, इंदौर, जबलपुर, धार, झाबुआ सहित महाराष्ट्र के रावेर, जलगांव, भुसावल, अमरावती, बुलढ़ाना, आकोला से भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं।