यह बुरहानपुर 126 धरोहरों का नगर है, जिसमें विश्व की एकमात्र पांच धरोहर भी शामिल है। हमारा किले के परकोटा में 8 गेट और 4 खिड़कियां हैं, जो भारत का सबसे बड़ा जीवित किला है। इसमें 2 लाख तक जनसंख्या निवास करती है। यहां घर-घर गली मोहल्ला में कोटेज इंडस्ट्री चलती है। यहां विभिन्न मार्केट, स्कूल, कॉलेज आदि स्थित हैं।
यह एक ऐसा नगर है, जिसमें पर्यटन के छह के छह आयाम स्थापित हैं। धार्मिक पर्यटन, धरोहर, हैरिटेज टूरिज्म, ताप्ती नदी किनारे बसा होने से एक स्टॉप डेम बनने पर वाटर टूरिज्म, हमारे खूबसूरत जंगल में टूरिज्म के साथ रूरल टूरिज्म, ट्रेकिंग टूरिज्म जिसके लिए असीरगढ़ के लिए उपयुक्त स्थान है। ब्रिटिश सरकार के समय में ब्रिटिश सेना को असीरगढ़ किले पर ट्रेनिंग के लिए उपयुक्त किया जाता था, जिसे ब्रिटिश सेना फेमस नॉट के नाम से पुकारती थी।
पचमढ़ी के बाद मप्र में दूसरे हिल स्टेशन के रूप में हमारे यहां के जंबूपानी की पहाडिय़ां सर्वदा उपयुक्त होकर मप्र के नक्शे में एक नया हिल स्टेशन स्थापित हो सकता है। ऐसे समस्त आयाम पर्यटन के क्षेत्र में न केवल मप्र में बल्कि संपूर्ण भारत में बुरहानपुर को एक नए अध्याय के रूप में उभार सकता है। शासन प्रशासन एवं जनभागीदार से बुरहानपुर भारत में ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में स्थापित कर सकता है।