पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा ने मामले का खुलासा करते बताया कि जनपद पंचायत बुरहानपुर में काम करने वाले एक अधिकारी ने 4 सितंबर को लालबाग थाने में अपने बैंक खातें से मार्च से लेकर अगस्त तक 5 माह में 71 हजार रुपए पेटीएम के जरिए गायब होने की शिकायत की थी। पुलिस ने धारा 379, 66 आइटी एक्ट का मामला दर्ज कर थाना प्रभारी गणपति नाका केपी धुर्वे को जांच अधिकारी बनाया गया था। ऑनलाइन पेटीएम से धोखाधड़ी का मामला गंभीर होने पर पुलिस ने सायबर टीम के साथ मामले की जांच की तो फरियादी का बेटा ही आरोपी निकला। बेटा पब्जी गेम खेलने का आदि होने से अपने दोस्तों को घर पर बुलाकर पब्जी गेम खेलता था। मोबाइल से ही अपने पिता के डेबिट कार्ड का उपयोग कर पेटीएम ऐप के जरिए पब्जी गेम में पैसा ट्रांसफर कर लेता था। पिता के मोबाइल मे आने वाली ओटीपी एसएमएम सहित अन्य मैसेज डिलिट भी कर देता था। इसी प्रकार 5 माह में कुल 71 हजार रुपए नाबालिक बेटे द्वारा गेम में उड़ा दिए गए।
ऑनलाइन पढ़ाई के बहाने खेलता था गेम
मार्च में स्कूल बंद होने के बाद मोबाइल पर ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो गई। 9वीं कक्षा का छात्र अपने पिता से मोबाइल पर ऑनलाइन पढ़ाई करने बहाने मोबाइल लेता और दोस्तों के साथ बैठकर गेम खेलता था। पब्जी गेम को अपग्रेड करने और अननॉन कैप्स सहित अन्य एप्लीकेशन को खोलने के लिए 1 हजार से लेकर 3 हजार रुपए तक खर्च कर देता। यह सभी रुपए पिता के पेटीएम के जरिए गेम में ट्रांसफर होते थे। रुपए गायब होने के बाद बैंक स्टेटमेंट निकाला तो 71 हजार रुपए गायब मिले। पुलिस में शिकायत करने के बाद पूरा खुलासा हुआ। पुलिस टीम में गणपति थाना प्रभारी केपी धुर्वे, सायबर सेल प्रभारी विक्रमसिंह बामनिया, एएसआइ दिलीप सिंह, प्रधान आरक्षक तारक अली, दुर्गेश पटेल का सहयोग रहा।