अब परेशानी होगी समाप्त
सहकारी चीनी मिल चौराहे पर बन रहा ओवरब्रिज अधूरा होने से परेशानी का कारण बना हुआ था। अब कार्य शुरू करने से लोगों को लाभ मिलेगा। ठेकेदार ने ओवरब्रिज का कार्य शुरू होने के बाद वैकल्पिक रास्ता बनाया जो जर्जर पड़ा हुआ है। कोटा दौसा स्टेट मेगा हाइवे से बूंदी- नैनवा सड़क मार्ग पर जाने वाले वाहन ईश्वरनगर फाटक से निकलकर बांयी मुय नहर के किनारे होते हुए बूंदी सड़क मार्ग पर पहुंचते हैं लेकिन यह रास्ता जर्जर होने से कई बार वहां फंस चुके हैं। रास्ता बंद होने से वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ रही है। इस बारे में शासन और प्रशासन गंभीर नहीं है।
सहकारी चीनी मिल चौराहे पर बन रहा ओवरब्रिज अधूरा होने से परेशानी का कारण बना हुआ था। अब कार्य शुरू करने से लोगों को लाभ मिलेगा। ठेकेदार ने ओवरब्रिज का कार्य शुरू होने के बाद वैकल्पिक रास्ता बनाया जो जर्जर पड़ा हुआ है। कोटा दौसा स्टेट मेगा हाइवे से बूंदी- नैनवा सड़क मार्ग पर जाने वाले वाहन ईश्वरनगर फाटक से निकलकर बांयी मुय नहर के किनारे होते हुए बूंदी सड़क मार्ग पर पहुंचते हैं लेकिन यह रास्ता जर्जर होने से कई बार वहां फंस चुके हैं। रास्ता बंद होने से वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ रही है। इस बारे में शासन और प्रशासन गंभीर नहीं है।
कार्य विवादों में घिरा रहा
केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त तत्वाधान में सार्वजनिक निर्माण विभाग की देखरेख में बन रहे रहा वह ओवरब्रिज शुरू से ही विवादों में उलझता गया। यह ओवरब्रिज पहले चार रास्ते वाला स्वीकृत हुआ था। सहकारी चीनी मिल चौराहे के व्यापारियों के विरोध के बाद इसे तीन रास्ते वाला स्वीकृत कर कार्य शुरू किया तो अतिक्रमणकारियों एवं आवासीय कालोनियों के लोगों ने विरोध कर कार्य को रुकवा दिया। इसके बाद से ही यह ओवरब्रिज हिचकोले खाता रहा है। यहां के लोग ओवरब्रिज पूर्ण नहीं होने से परेशान है। बूंदी व खटकड़ जाने वाले रास्ते को जोड़ने वाले इस ओवरब्रिज का कार्य शुरू होने से वाहन चालकों को राहत मिल पाएगी।
केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त तत्वाधान में सार्वजनिक निर्माण विभाग की देखरेख में बन रहे रहा वह ओवरब्रिज शुरू से ही विवादों में उलझता गया। यह ओवरब्रिज पहले चार रास्ते वाला स्वीकृत हुआ था। सहकारी चीनी मिल चौराहे के व्यापारियों के विरोध के बाद इसे तीन रास्ते वाला स्वीकृत कर कार्य शुरू किया तो अतिक्रमणकारियों एवं आवासीय कालोनियों के लोगों ने विरोध कर कार्य को रुकवा दिया। इसके बाद से ही यह ओवरब्रिज हिचकोले खाता रहा है। यहां के लोग ओवरब्रिज पूर्ण नहीं होने से परेशान है। बूंदी व खटकड़ जाने वाले रास्ते को जोड़ने वाले इस ओवरब्रिज का कार्य शुरू होने से वाहन चालकों को राहत मिल पाएगी।
यह होगी राशि खर्च
रेलवे फाटक पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से बनने वाले ओवरब्रिज के लिए केन्द्र व राज्य सरकार ने 88 करोड रुपए स्वीकृत किए गए थे जिसमें से 38 करोड रुपए रेलवे विभाग व 50 करोड रुपए सार्वजनिक निर्माण विभाग को खर्च करने है।
रेलवे फाटक पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से बनने वाले ओवरब्रिज के लिए केन्द्र व राज्य सरकार ने 88 करोड रुपए स्वीकृत किए गए थे जिसमें से 38 करोड रुपए रेलवे विभाग व 50 करोड रुपए सार्वजनिक निर्माण विभाग को खर्च करने है।