इसी तरह गुढ़ा से मंगाल की कच्ची सड़क पर भी लंबे समय से मांग के बावजूद डामरीकरण नहीं हुआ है। रामनगर से मंगाल, गुढ़ा फार्म से उलेड़ा, गुढ़ा से हाथी खेड़ा होते हुए बिशनपुरा तथा रामनगर से कांटी तक भी सड़कें कच्ची व खेतों में तब्दील हो गई है। जिन पर डामरीकरण के लिए कई बार ग्रामीणों ने मांग की है, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। बरसात के दिनों में इन रास्तों से गुजरना मुश्किल हो जाता है। इन रास्तों के पक्के बनने से खेतों पर जाने वाले किसानों को भी सुविधा होगी।