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पांच सौ साल पुरानी बुर्ज की मिट्टी धंस रही, मरम्मत व सौंदर्यकरण की दरकार

प्रशासन सदियों पुरानी धरोहर की सुरक्षा नहीं कर पा रहा है। चंबल नदी किनारे जब भगवान केशवराय मंदिर का निर्माण किया गया तो उसकी सुरक्षा के लिए नदी के किनारे सुरक्षा बुर्ज बनाई गई थी।

बूंदीNov 07, 2024 / 05:52 pm

Narendra Agarwal

केशवरायपाटन। जर्जर बुर्जों को मरम्मत की दरकार

केशवरायपाटन. प्रशासन सदियों पुरानी धरोहर की सुरक्षा नहीं कर पा रहा है। चंबल नदी किनारे जब भगवान केशवराय मंदिर का निर्माण किया गया तो उसकी सुरक्षा के लिए नदी के किनारे सुरक्षा बुर्ज बनाई गई थी। यह बुर्ज देखरेख के अभाव में जर्जर होती जा रही है। बुर्ज के अंदर मिट्टी धंसने से गड्ढे हो चुके हैं। एक बुर्ज में तो जमीन काफी मात्रा में धंस गई, जिससे बुर्ज का अस्तित्व खतरे में पड़ गया। बुर्ज निर्माण के बाद उस समय बनाए गए कमरों में राजकीय प्राथमिक विद्यालय चलाया गया, लेकिन शिक्षा विभाग ने भी मरम्मत के नाम पर कुछ भी नहीं किया। अब वह कमरे जर्जर हो चुके हैं मरम्मत के अभाव में बुर्ज की मिट्टी धंसने लग गई है। पटान उखड़ गया है। देवस्थान विभाग के अधीन इन बुर्जों की मरम्मत दो दशक पहले करवाईं गई थी। बुर्जों की मरम्मत एवं रखरखाव नहीं किया गया तो केशव मंदिर परिसर को खतरा उत्पन्न हो सकताहै।
धर्मशाला निर्माण हो तो मिलेगा लाभ
केशव मंदिर के सहारे चंबल नदी जाने वाले रास्ते पर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के भवन को अब यात्रियों के लिए धर्मशाला में बदलने की मांग उठती जा रही है। पार्षद राजेश सैनी, राम सिंह गुर्जर व शुभम शर्मा ने बताया कि कार्तिक मेले में यहां पर काफी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, लेकिन उनके ठहरने की व्यवस्था नहीं होने से परेशानी उठानी पड़ती है। प्रशासन पुराने विद्यालय को ठीक करवा कर इसे धर्मशाला का स्वरूप दे तो यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था हो सकती है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए शहर में रात्रि ठहराव की व्यवस्था नहीं होने से शहर छोड़ कर रात को रुकने के लिए कोटा जाना पड़ता है।
नष्ट हो रही धरोहर
चम्बल नदी किनारे पग-पग पर धरोहर है, लेकिन उनका संरक्षण नहीं होने से चम्बल का सौंदर्यकरण बिगड़ा हुआ है। चम्बल नदी किनारे पर्यटन को बढ़ाने देने के लिए छतरियों का निर्माण करवाया था, लेकिन वह चम्बल नदी के पानी के
बहाव को नहीं झेल पाई। पचास लाख की लागत से बनाई छतरियों की जांच तक नहीं हो पाई। बुर्ज एक तरह से मंदिर की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो भी अब जर्जर होने लग गई। लोगों ने देवस्थान विभाग से बुर्ज की मरम्मत
करवाने की मांग की है। चम्बल नदी किनारे संरक्षण के अभाव में पौराणिक धरोहर व चबूतरों पर उकेर रखी कलाकृतियों को बचाने की दरकार है।

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