बूंदी

बिना सूचना खोले कोटा बैराज के गेट, रस्सा टूटा और बह गई नाव, चम्बल में अटकी 50 लोगों की सांसे

एक नाव पानी में बह गई, हालांकि नाव में सवार केवट बच गए। 50 लोगों को बीच मझधार में बह रही नावों से इंजन वाले वोट से निकालकर केशव घाट पर लेकर आए।

बूंदीOct 24, 2024 / 12:43 pm

Akshita Deora

Kota News: चुनरी उत्सव के दौरान चंबल नदी में रविवार तीन बजे कोटा बैराज से पानी छोड़ने से डेढ़ सौ श्रद्धालुओं की जान संकट में पड़ गई। एक नाव पानी में बह गई, हालांकि नाव में सवार केवट बच गए। 50 लोगों को बीच मझधार में बह रही नावों से इंजन वाले वोट से निकालकर केशव घाट पर लेकर आए।
कोटा बैराज से पानी छोड़ने के बाद चंबल नदी का जल स्तर बढ़ने लग गया था। केशवरायपाटन में रविवार दोपहर चुनरी उत्सव दोपहर में आयोजित किया गया। नावों में सवार महिला पुरुष करीब अस्सी मीटर चुनरी को लेकर चम्बल के दूसरे छोर रंगपुर घाट पहुंच गए। इस दौरान नदी में पानी का वेग बढ़ गया। रंगपुर घाट से नावों द्वारा वापस आने के दौरान रस्सा टूट गया। ऐसे में एक नाव में सवार केवटों को बोट में बैठा कर बचाया गया। वहीं आधा दर्जन नाव केशवघाट की ओर आ गई और करीब एक दर्जन नाव मझधार में हिचकोले खाने लगी। एकाएक पानी बढ़ने पर अफरातफरी का माहौल हो गया। लोगों की सांसें अटक गई। ऐसे में केवटों ने नावों में सवार लोगों को बोट में बैठा कर निकाला।

नहीं थे सुरक्षा के उपाए


चुनरी उत्सव के दौरान चंबल नदी में नाविकों ने केशव घाट से रंगपुर घाट तक रस्सी के सहारे डेढ दर्जन नावों को चंबल में रोक रखा था। इन नाविकों के पास सुरक्षा के उचित संसाधन एवं सुरक्षा जैकेट भी नहीं थी। अचानक रस्सी टूटने से नाव तेज बहाव में बहने लग गई। एक नाव तो बहकर बीच मझधार से नीचे की ओर जाने लगी। उसे नाव के श्रद्धालुओं को पहले ही बोट से निकाल लिया था।

अधिकारी नदारद


चंबल नदी में एक बड़ा हादसा होते होते बच गया, वहीं प्रशासन बेखबर था, जिस समय उत्सव चल रहा था उसे समय वहां पुलिस थी, लेकिन शाम को 5:30 बजे रस्सा टूटने के बाद वह भी गायब हो गई। प्रशासनिक अधिकारी तो कोई मौजूद ही नहीं था। तेज गति से पानी आने के बाद भी चंबल नदी के किनारे उत्सव को देखने के लिए लोग जमे रहे।

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