मौके पर दो अलग अलग जगहों पर जंगली सुअरों का शिकार किया हुआ था। ग्रामीण सोनू मीणा ने बताया कि जंगली सुअरों को किसी वन्यजीव द्वारा खाया हुआ है। ग्रामीणों ने वन्यजीव की गतिविधियों की सूचना वन विभाग को दी है। वन सुरक्षा समिति उमरथुना के अध्यक्ष मदन गोपाल मीणा ने बताया कि कालदां के जंगल में टाइगर व पैंथर दोनों का मूवमेंट हो सकता है। वयस्क जंगली सूअर का शिकार अक्सर टाइगर ही कर सकता है ऐसे में आशंका है कि इस क्षेत्र में बाघ का मूवमेंट हो।
सूचना पर वन विभाग के कर्मचारी गुरुवार शाम को मौके पर पंहुचे तथा वन्यजीव की पहचान के लिए फोटोट्रेप कैमरे लगाए। गौरतलब है कि पूर्व में भी वन्यजीव ने शाहपुरा व उमरथुना गांव में आकर बाड़े में बंधे गोवंश का शिकार किया था। ग्रामीणों ने वन विभाग से कई बार वन्यजीव के आबादी क्षेत्र में आने की शिकायत की, लेकिन उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया।
जंगल में भूख से भटकने को मजबूर है बाघ-बघेरे
जिले में रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व बनने के साथ ही बाघ-बघेरे भी बढऩे लगे है, लेकिन उस अनुपात में जंगल में पर्याप्त शिकार व पेयजल स्रोत नहीं बढ़े है। टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में तो बाहर से चीतल व सांभर लाकर छोड़े गए हैं, लेकिन बफर क्षेत्र पर किसी का ध्यान नहीं है। देवझर महादेव से भीमलत महादेव तक फैला जंगल वन्यजीवों के लिहाज से काफी समृद्ध एवं निर्जन वन क्षेत्र है। यहां दो दर्जन से अधिक पैंथर मौजूद है, जो भोजन की तलाश में भटकने को मजबूर हैं।
जिले में रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व बनने के साथ ही बाघ-बघेरे भी बढऩे लगे है, लेकिन उस अनुपात में जंगल में पर्याप्त शिकार व पेयजल स्रोत नहीं बढ़े है। टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में तो बाहर से चीतल व सांभर लाकर छोड़े गए हैं, लेकिन बफर क्षेत्र पर किसी का ध्यान नहीं है। देवझर महादेव से भीमलत महादेव तक फैला जंगल वन्यजीवों के लिहाज से काफी समृद्ध एवं निर्जन वन क्षेत्र है। यहां दो दर्जन से अधिक पैंथर मौजूद है, जो भोजन की तलाश में भटकने को मजबूर हैं।
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बफर जोन के कैकत्या महादेव क्षेत्र में जंगली सूअरों के शिकार की सूचना पर वहां फोटोट्रेप कैमरे लगा दिए है तथा गश्त बढ़ा दी है। लोगों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
डॉ. दीपक जासू, क्षेत्रीय वन अधिकारी, बूंदी
डॉ. दीपक जासू, क्षेत्रीय वन अधिकारी, बूंदी