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विकास को तरसे हिण्डोली नगर पालिका के बाशिंदे

हिण्डोली ग्राम पंचायत को नगर पालिका में क्रमोन्नत हुए 16 माह हो गए हैं, लेकिन यहां का विकास पूरी तरह ठप्प है। यहां पर सफाई व्यवस्था, ड्रेनेज सुविधा, पट्टे बनाना, अतिक्रमण सहित विभिन्न समस्याएं जस के तस है।

बूंदीOct 01, 2024 / 06:03 pm

पंकज जोशी

हिण्डोली कस्बे की पुरानी आबादी का नजारा।

हिण्डोली. हिण्डोली ग्राम पंचायत को नगर पालिका में क्रमोन्नत हुए 16 माह हो गए हैं, लेकिन यहां का विकास पूरी तरह ठप्प है। यहां पर सफाई व्यवस्था, ड्रेनेज सुविधा, पट्टे बनाना, अतिक्रमण सहित विभिन्न समस्याएं जस के तस है।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2023 में विधानसभा के अंतिम बजट सत्र में हिण्डोली को नगर पालिका का दर्जा मिला था। जिससे लोगों को बड़ी उम्मीद थी कि यहां का विकास होगा। लेकिन जो विकास पंचायत के समय हुआ था उसे 10 फीसदी काम भी नगरपालिका बनने के बाद नहीं हुआ है। जिसे यहां के वार्ड पार्षदों, नगर पालिका के वाशिंदों में भारी रोष व्याप्त है। यहां पर जो भी विकास की बात लेकर जाता है, उसे नगरपालिका अध्यक्ष बजट का अभाव बता रहे हैं। जिससे लोग निराश होकर लौट आते हैं।
नहीं बना एक भी पट्टा
नगर पालिका को संचालित हुए 16 महीने हो गए हैं। लेकिन राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत एक भी व्यक्ति को पट्टा बनाकर नहीं दिया गया है। जबकि यहां पर पट्टा बनाने के लिए कई लोगों ने आवेदन कर रखे हैं। लेकिन उन्हें पट्टे नहीं दिए जा रहे हैं। इसके पीछे स्टाफ की कमी बताई जाती है।
नगर पालिका के लिए भूमि चिन्हित नहीं की
नगर पालिका सूत्रों की माने तो वर्तमान में यहां पर नगर पालिका के पास कितनी भूमि है, उसको भी चिन्हित करके राजस्व विभाग को उन्हें सौपना चाहिए। ऐसे में अतिक्रमण का मामला आने पर कई बार वे भ्रमित रहते हैं। सबसे पहले उन्हें नगर पालिका की भूमि चिन्हित की जाए ताकि निर्माण कार्य की स्वीकृति मिले एवं राजस्व वसूली हो।
बालिका छात्रावास के निकट डालते हैं मृत पशु
बालिका छात्रावास की दीवार के सटी भूमि पर नगर पालिका द्वारा मृत पशु व पूरी गंदगी यहां डलवाई जाती हैं। जिससे छात्रावास में रहने वाली एक सौ से अधिक बालिकाओं का जीना दुश्वार हो रहा है। यहां पर कूड़े के ढेर लगे रहते हैं, परिसर में दुर्गंध का वातावरण पसरा रहता है। कई बार विद्यालय के प्रधानाचार्य व छात्राओं द्वारा जिला कलक्टर से लेकर उपखंड अधिकारी तक यहां पर गंदगी हटाने की शिकायत की लेकिन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो पाई है।
नहीं है ड्रेन व्यवस्था
यहां पर वर्ष 1999 में राष्ट्रीय राजमार्ग के पानी की निकासी के लिए निर्माण विभाग द्वारा दो नाले बनाए गए थे। उसके बाद ग्राम पंचायत ने उन नालों की मरम्मत तक करवाना मुनासिब नहीं समझा। नाले अधूरे होने के बाद पानी लोगों के घरों में भर जाता था। अब नगर पालिका हो गई है उसके बाद भी यहां पर नालों का निर्माण नहीं हुआ। ऐसे में आधे अधूरे नाले का पानी सड़कों पर ही बहता रहता हैं, जिससे लोग परेशान रहते हैं, वहीं ड्रेन सिस्टम यहां पर बुरी तरह चरमरा रहा है।
स्टाफ लगे तो बने बात
नगर पालिका में ईओ, कनिष्ठ अभियंता, सफाई निरीक्षक, सहित सभी पद रिक्त पड़े हैं, यहां मात्र एक लिपिक कार्यरत हैं। ऐसे में जिम्मेदारी निभाने वाले अधिकारी नहीं होने के कारण यहां का कार्य देखने व करने वाले कोई नहीं है।
अव्यवस्था के खिलाफ कई चुके प्रदर्शन
नगर पालिका में हो रही है अव्यवस्थाओं के खिलाफ पार्षद जितेंद्र सिंह हाड़ा ने दो दिन तक नगर पालिका कार्यालय के ताला लगाकर प्रदर्शन कर धरना दिया या था। जिस पर उपखंड अधिकारी ने 7 दिन में उनकी मांगे मानने का भरोसा दिया था। लेकिन एक पखवाड़े से अधिक समय होने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। वही वरिष्ठ पार्षद कालू जोशी ने भी 10 से अधिक पार्षदों के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन उपखंड अधिकारी को लेकर त्याग पत्र दिए थे। एवं उनकी समस्याओं के निस्तारण की मांग की थी ।उन समस्याओं का भी कोई निस्तारण नहीं हुआ ऐसे में यहां पर पार्षदों का भी मोह नगर पालिका से भंग होता जा रहा है।
नगर पालिका की स्थिति काफी दयनीय है, वहां पर जाना नहीं जाना बराबर है, ऐसे में अब जनता का नगर पालिका से विश्वास उठ गया है।
कालू जोशी, पार्षद हिण्डोली।

नगर पालिका क्षेत्र का विकास होना जरूरी है, यहां पर ईओ सहित सभी रिक्त पद भरे जाए। इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, स्वायत शासन मंत्री सहित से मांग कर चुके हैं। पत्र दिया जा चुका है।
जितेंद्र सिंह हाड़ा, पार्षद।
नगर पालिका में अधिशासी अधिकारी सहित पूरा स्टाफ लगाया जाए एवं राज्य सरकार द्वारा विकास के लिए 10 करोड़ का बजट दिया जाए। यहां पर 16 माह में विकास कार्य नहीं हो पाए हैं।
ईश्वर सैनी, उपाध्यक्ष नगर पालिका।

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