कापरेन. शहर में दूर जाने आने के लिए यात्रियों को मंगलवार को निजी व रोडवेज बसों की कमी के चलते भारी परेशानी का सामना करना पड़ा और घण्टों इंतजार के बाद भी बस स्टैंड पर बस नहीं आने से कई यात्री बिना यात्रा किए वापस घरों में लौट गए। राज्य सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के उपलक्ष्य में जयपुर में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए काफी संख्या में क्षेत्र से लोगों के पहुंचने और इसके लिए बसों की व्यवस्था की गई। कोटा से लाखेरी तक मेगा हाइवे पर नियमित चलने वाली निजी व रोडवेज बसों का इस कार्यक्रम में लोगों को लेकर जाने से यात्रियों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ा। शहर के बस स्टैंड पर यात्री खड़े होकर बसों के आने का इंतजार करते हुए नजर आए। और देर शाम तक भी बसों के आने की उम्मीद नहीं होने से यात्रा के लिए बस स्टैंड पहुंचे लोग वापस लौट गए। कोटा दौसा मेगा हाइवे पर चलने वाली निजी बसों में से दो बसों का ही दिनभर आवागमन रहा, जिससे घण्टो तक यात्री इंतजार करते रहे। उधर,शहर से जुड़े ङ्क्षलक सडक़ रोटेदा मंडावरा मार्ग पर चलने वाली एक मात्र बस को भी
कार्यक्रम में लगाया जाने से इस रूट पर कोई बस उपलब्ध नहीं हो पाई और इस मार्ग पर यात्रियों को निजी वाहनों से ही अपने गंतव्य तक पहुचना पड़ा। केशवरायपाटन से आई एक महिला यात्री ने बताया कि केशवराय पाटन से बस से कापरेन पहुंच गई, लेकिन बड़ौद मंडावरा मार्ग पर बस नहीं मिलने से वापस पाटन जाना पड़ रहा है।
नैनवां. क्षेत्र से गुजरने वाली अधिकांश रोडवेज व निजी बसों के मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के लिए कार्यकर्ताओं को ले जाने के लिए अवाप्त करने से परिवहन के साधन उपलब्ध नहीं होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ गया। यात्रियों को निजी वाहनों में में यात्रा करनी पड़ी।
जयपुर व कोटा जाने वाली कुछ बसें तो आई, लेकिन छोटे रुट पर चलने वाली निजी बसें नहीं आने से नैनवां से बूंदी, दबलाना, गोठड़ा, बांसी, देई, उनियारा, इंदरगढ़, दूनी, सरोली मोड़ जाने वाली निजी बसों के इंतजार में दो-दो घण्टों तक सवारियां खड़ी रही। निजी बसों के नहीं लगने पर जीप या टैक्सियों में बैठकर अपने गंतव्य स्थानों पर
जाना पड़ा।
जयपुर व कोटा जाने वाली कुछ बसें तो आई, लेकिन छोटे रुट पर चलने वाली निजी बसें नहीं आने से नैनवां से बूंदी, दबलाना, गोठड़ा, बांसी, देई, उनियारा, इंदरगढ़, दूनी, सरोली मोड़ जाने वाली निजी बसों के इंतजार में दो-दो घण्टों तक सवारियां खड़ी रही। निजी बसों के नहीं लगने पर जीप या टैक्सियों में बैठकर अपने गंतव्य स्थानों पर
जाना पड़ा।