इसके अंतर्गत काल्पनिक दुर्घटना का घटनाक्रम दर्शाया गया एवं घटना से निपटने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा अपने कर्मचारियों का कौशल दक्षता जांचने के लिए एनडीआरएफ की टीम के साथ रेलवे में होने वाली आपदाओं से किस तरह निपटा जाए इसका संयुक्त अभ्यास किया गया। मॉकड्रिल में 15 व्यक्ति चोटिल एवं 4 व्यक्ति गंभीर रूप से घायल होना बताए गए।
सूचना बूंदी के ऑन डयूटी स्टेशन मास्टर द्वारा समय 6:50 बजे कंट्रोल ऑफिस कोटा को प्राप्त होने पर डीआरएम मनीष तिवारी सहित सभी विभागों के अधिकारी सड़क मार्ग द्वारा एवं चिकित्सा टीम के अधिकारी दुर्घटना राहत गाड़ी से घटना स्थल पर पहुंचे। रेस्क्यू ऑपरेशन के पश्चात घटना को समय 8:20 बजे विनोद कुमार मीना-वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी, कोटा द्वारा मॉक ड्रिल घोषित किया गया।
यात्री गाड़ी के दो कोच पटरी से उतरने की सूचना पर भी जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक नहीं पहुंचे, जबकि कोटा से रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। मॉक ड्रिल के इस अभ्यास में NDRF की टीम का नेतृत्व डिप्टी कमांडेंट योगेश कुमार मीना ने किया।
मॉकड्रिल की सूचना मिलने के बाद मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि वर्मा ,उपखंड अधिकारी एचडी सिंह, सीओ अमर सिंह राठौर, तहसीलदार अर्जुन मीणा, सदर थाना प्रभारी भगवान सहाय, कोतवाली प्रभारी तेजपाल सहित आपातकालीन आपदा प्रबन्धन की एसडीआरएफ, नागरिक सुरक्षा, फायर ब्रिगेड सेवा, चिकित्सा एजेन्सी, सिविल पुलिस इत्यादि भी अभ्यास में सम्मिलित हुए।