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बूंदी

पेड़ों पर लटक कर मांगा किसानों ने नहरी पानी

छापरदा गणेश मंदिर में नहरी पानी की मांग को लेकर चल रहा किसान आंदोलन रविवार को चौथे दिन भी जारी रहा, किसानों ने किया प्रदर्शन

बूंदीFeb 05, 2018 / 03:59 pm

Devendra

Farmers demanded by hanging on the trees

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बूंदी. खटकड़. छापरदा गणेश मंदिर में नहरी पानी की मांग को लेकर चल रहा किसान आंदोलन रविवार को चौथे दिन भी जारी रहा। रविवार को किसानों ने पेड़ों पर उल्टा लटककर प्रदर्शन किया। जानकारी के अनुसार किसानों का सीएडी प्रशासन के विरुद्ध आक्रोश बढ़ता जा रहा है। किसानों का कहना है कि कई बार सीएडी प्रशासन से नहरी पानी पहुंचाने की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। फसलों को पानी की आवश्यकता है।
यदि अभी पानी नहीं मिलता है तो फसले सूख जाएगी। क्रमिक अनशन में लालचंद डोई, महावीर, पप्पूलाल, महावीर, मुकेश, मांगीलाल, बाबूलाल, रघुवीर, भूरीबाई, हजारी बाई, मौसमी बाई, नंदकंवरी बाई, कमला बाई, देवराज, मोतीलाल, महेन्द्र, महावीर, राजेन्द्र, रामदयाल, शिवराज बैठे। धरना स्थल पर रूपेश शर्मा, दुर्गालाल मीणा, हनुमान भाकल, रिहाणा सरपंच भवानीश्ंाकर मीणा भी पहुंचे।
आज बूंदी कूच
पंचायत समिति सदस्य महेन्द्र डोई ने बताया कि क्रमिक अनशन को जारी रखते हुए सोमवार को बूंदी कूच करेंगे। अपनी पीड़ा को व्यक्त करते हुए जिला कलक्ट्रेट में विरोध प्रदर्शन करेंगे। समस्या का समाधान नहीं होने तक कलक्ट्रेट पर ही धरना देंगे।
यहां नहरों के अच्छे दिन शुरू
हिण्डोली. पेच की बावड़ी बांध व क्षतिग्रस्त नहरों के अच्छे दिन शुरू हो गए। जलसंसाधन विभाग ने बांध व नहरों की मरम्मत के लिए एक करोड़ ८१ लाख रुपए स्वीकृत किए, जिसका कार्य शुरू हो गया। चार दशक से अधिक पुराने पेच की बावड़ी बांध की नहरंे जर्जर हो चुकी थी।कई बार बांध में पानी की आवक होने के बाद भी नहरों में जल प्रवाह करने से नहरों का पानी अंतिम छोर तक किसानों को नहीं मिल पाता। बीच में ही नहरों में पानी का रिसाव काफी मात्रा में होने से पानी व्यर्थ ही बह जाता है। बांध की पाल पर भी पानी का कुछ रिसाव होता है। जलसंसाधन विभाग ने बांध व नहरों के जीर्णोद्धार के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजे थे।
विभागीय सूत्रों ने बताया कि कि पूरी पाल को कोबिट लेमिना से जोड़ा जाएगा। डाउन स्ट्रीम में पानी का रिसाव रोकने के लिए फील्टर बनाए जाएंगे। विभाग के अधिशासी अभियंता सईद अहमद ने बताया कि एक करोड़ ८१ लाख रुपए की लागत से बांध व नहरों की मरम्मत होगी। इसका कार्य शुरू हो गया।

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