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किसान मांग रहे पानी, प्रशासन नदी में बहा रहा

एक ओर नहरी तंत्र की साफ सफाई नहीं होने से पलेवा के लिए किसानों को पानी देरी से मिलने की संभावना है। वहीं बांध में एक माह से चादर चलने से प्रतिदिन बड़ी मात्रा में पानी मेज नदी में बह रहा है।

बूंदीOct 27, 2024 / 12:20 pm

Narendra Agarwal

हिण्डोली.गुढ़ा बांध का क्षतिग्रस्त माइनर व बांध पर एक माह से चल रही चादर।

हिण्डोली. एक ओर नहरी तंत्र की साफ सफाई नहीं होने से पलेवा के लिए किसानों को पानी देरी से मिलने की संभावना है। वहीं बांध में एक माह से चादर चलने से प्रतिदिन बड़ी मात्रा में पानी मेज नदी में बह रहा है। ऐसे में अक्टूबर माह में नहरों में जल प्रवाह हो जाता तो किसानों को अतिरिक्त पानी मिलने की संभावना रहती।
जानकारी अनुसार इस बार अच्छी बारिश होने के कारण गुढ़ा बांध में चादर चली,बारिश का मौसम बीते एक माह हो गया है, लेकिन गुढा बांध की चादर लगातार जारी है। यहां पर आसपास स्थित अरावली पर्वत से पानी की आवक हो रही है। ऐसे में बांध के गेटों से पानी चादर के रूप में मेज नदी में बह रहा है।
यदि समय पर नहरों की सफाई हो जाए तो नहरों में नवंबर माह के प्रथम सप्ताह में जल प्रवाह हो जाए एवं चादर में निकलने वाला रहा पानी बांध में भरने से किसानों को अतिरिक्त ङ्क्षसचाई के लिए पानी मिलने की संभावना रहेगी,लेकिन मनरेगा से मस्टररोल जारी नहीं होने से नहरों की सफाई नहीं हो पा रही है। किसानों ने बताया कि बांध की चादर लगातार एक माह से जारी है। ऐसे में पानी मेज नदी में व्यर्थ जा रहा है, जिसका ङ्क्षसचाई के लिए कोई उपयोग नहीं होगा।
मस्टरोल जारी करने का कर चुके हैं आग्रह
जल संसाधन विभाग हिण्डोली व नैनवां के सहायक अभियंताओं का कहना है कि दोनों तहसीलों में स्थित बांधों की महात्मा गांधी नरेगा से मस्टरोल वाले नहीं हुई है ऐसे में दोनों सहायक अभियंता महात्मा गांधी नरेगा के अधिशासी अभियंता से व्यक्तिगत रूप से कई बार मिलकर मस्टरोल वाले करने का आग्रह किया है, लेकिन वह पुराने मस्टरोल की तकनीकी कमियां बात कर जारी नहीं कर पा रहे हैं। इससे नहरों की सफाई में विलंब हो रहा है। बांध की कुछ नहरे में पुरानी मजदूरों से सफाई चल रहे हैं, लेकिन उस किसान संतुष्ट नहीं है।
10 हजार हैक्टेयर में होती है सिंचाई
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गुढ़ा बांध की दायीं व बायीं मुख्य नहर व होलापुरा माइनर में करीब 200 किलोमीटर लंबी नहरें एवं माइनर है। यहां पर 60 गांवों के सैकड़ों किसानों की 10 हजार हेक्टेयर भूमि संचित की जाती है, लेकिन पहली बार यहां पर नहरों की सफाई में परेशानी हो रही है।
प्रशासन समय पर करवाए नहरों की सफाई
हिण्डोली विधायक अशोक चांदना ने कहा कि जल संसाधन विभाग व प्रशासन द्वारा गुढा बांध की नहरों की सफाई अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह में ही पूरी होनी चाहिए, लेकिन विलंब होना ङ्क्षचतनीय विषय है। इससे लगता है कि जिला प्रशासन की किसानों के प्रति जवाबदेही नहीं है। वहीं भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभु लाल सैनी ने गुढ़ा बांध सहित हिण्डोली- नैनवां क्षेत्र के बांधों की नहरों की सफाई समय पर करवाई जाए। नहरी पानी समय पर मिलना चाहिए।जिला प्रशासन इसे गंभीरता से ले तत्काल प्रभाव से मस्टरोल जारी कर नहरों के सफाई का कार्य शुरू करवाए। ताकि रबी की फसल किसान समय पर बुवाई कर सके, फिर भी कोई बात होगी तो इस मामले में जल संसाधन मंत्री से बात करेंगे।
गुढ़ा बांध की नहरों व माइनर की सफाई के प्रस्ताव महात्मा गांधी नरेगा में जिला परिषद को भिजवा दिए गए हैं। वहां पर जाकर अधिशासी अभियंता से मस्टररोल जारी करने का निवेदन भी कर चुके हैं। जब मस्टररोल जारी होगी। उसी के बाद नहरों की सफाई होगी। बिना सफाई के नहरो में पानी पहुंचना मुश्किल होगा।
जल सिंह मीणा, सहायक अभियंता जल संसाधन विभाग हिण्डोली।

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