पुरानी कृषि उपज मंडी के भवन एवं परिसर का समुचित उपयोग करने के मध्य नजर सार्वजनिक प्रयोजनार्थ हस्तांतरण के लिए मंडी कमेटी से विभाग की सहमति मांगी गई है। मंडी समिति को भेजे गए पत्र में बताया गया कि वर्तमान में बस स्टैंड शहर के मध्य स्थित है, जिसके दोनों ओर कलक्ट्रेट, जिला न्यायालय, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बूंदी अन्य विभिन्न विभागों के कार्यालय एवं राजकीय महारानी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय तथा सामने सामान्य चिकित्सालय एवं जनाना चिकित्सालय संचालित होने तथा बस स्टैंड के आसपास वाहन निजी जीप टैक्सी आदि संचालित होने से ट्रैफिक जाम होने की समस्या बनी रहती है तथा व्यस्त स्थल होने से आए दिन दुर्घटनाएं घटित होती रहती है।
पूर्व में भी बनी थी योजना
उक्त प्रकरण के संबंध में विचार विमर्श के लिए 17 अक्टूबर 2017 को मुय सचिव की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा उपरांत निर्णय लिया गया था कि परिवहन विभाग द्वारा बस स्टैंड के हस्तांतरण के संबंध में मंत्रिमंडल के समक्ष ज्ञापन प्रस्तुत किया गया, जिसमें निम्न बिंदुओं विचार विमर्श किया गया। वर्तमान में कृषि उपज मंडी की भूमि नया रोडवेज बस स्टैंड के निर्माण के लिए निशुल्क आवंटित स्थानांतरित करना रोडवेज बस स्टैंड की भूमि की वर्तमान कीमत एवं पुरानी कृषि मंडी की भूमि की वर्तमान कीमत के अंतर की राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम को वर्तमान में उपलब्ध करवाई जाकर समायोजित करना था। नए बस स्टैंड के निर्माण के लिए आवश्यक धनराशि राज्य सरकार द्वारा राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम को उपलब्ध करवाना था। इसके पश्चात प्रकरण में आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
उक्त प्रकरण के संबंध में विचार विमर्श के लिए 17 अक्टूबर 2017 को मुय सचिव की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा उपरांत निर्णय लिया गया था कि परिवहन विभाग द्वारा बस स्टैंड के हस्तांतरण के संबंध में मंत्रिमंडल के समक्ष ज्ञापन प्रस्तुत किया गया, जिसमें निम्न बिंदुओं विचार विमर्श किया गया। वर्तमान में कृषि उपज मंडी की भूमि नया रोडवेज बस स्टैंड के निर्माण के लिए निशुल्क आवंटित स्थानांतरित करना रोडवेज बस स्टैंड की भूमि की वर्तमान कीमत एवं पुरानी कृषि मंडी की भूमि की वर्तमान कीमत के अंतर की राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम को वर्तमान में उपलब्ध करवाई जाकर समायोजित करना था। नए बस स्टैंड के निर्माण के लिए आवश्यक धनराशि राज्य सरकार द्वारा राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम को उपलब्ध करवाना था। इसके पश्चात प्रकरण में आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
साढ़े तीन हेक्टेयर भूमि मांगी
2017 से चल रही लंबित प्रक्रिया में पुन: यहां पर पुराने कृषि उपज मंडी समिति की भूमि में से लगभग 3.5 हेक्टेयर भूमि बस स्टैंड को स्थापित किया जाने की मांग की गई है। यहां पर बस स्टैंड आने के बाद भारी वाहनों एवं बसों का आवागमन शहर के अंदर से न होकर कोटा बूंदी बायपास के माध्यम से हो जाएगा।
2017 से चल रही लंबित प्रक्रिया में पुन: यहां पर पुराने कृषि उपज मंडी समिति की भूमि में से लगभग 3.5 हेक्टेयर भूमि बस स्टैंड को स्थापित किया जाने की मांग की गई है। यहां पर बस स्टैंड आने के बाद भारी वाहनों एवं बसों का आवागमन शहर के अंदर से न होकर कोटा बूंदी बायपास के माध्यम से हो जाएगा।
सहमति प्रदान की
पत्र मिलने के बाद में उन्होंने भी बस स्टैंड के लिए जिला कलक्टर द्वारा मांगी गई 3.5 हेक्टेयर भूमि के लिए सहमति प्रदान कर दी है। मंडी सचिव क्रांति कुमार मीणा ने बताया कि वर्तमान में मंडी की 80 बीघा भूमि के मध्य सड़क व हाउसिंग बोर्ड की तरफ का हिस्सा पूर्व में सब्जी मंडी के लिए कुछ आवंटित व कुछ प्रस्तावित जो सब्जी मंडी के लिए ही उसको रखा जाएगा। उसके अलावा पूर्व मंडी सचिव कार्यालय व किसान भवन को छोडकऱ अन्य भूमि 3.5 हेक्टेयर को बस स्टैंड के लिए देने के लिए सहमति प्रदान कर दी गई है।
क्रांति लाल, सचिव, कुंवारती कृषि उपज मंडी, बूंदी
पत्र मिलने के बाद में उन्होंने भी बस स्टैंड के लिए जिला कलक्टर द्वारा मांगी गई 3.5 हेक्टेयर भूमि के लिए सहमति प्रदान कर दी है। मंडी सचिव क्रांति कुमार मीणा ने बताया कि वर्तमान में मंडी की 80 बीघा भूमि के मध्य सड़क व हाउसिंग बोर्ड की तरफ का हिस्सा पूर्व में सब्जी मंडी के लिए कुछ आवंटित व कुछ प्रस्तावित जो सब्जी मंडी के लिए ही उसको रखा जाएगा। उसके अलावा पूर्व मंडी सचिव कार्यालय व किसान भवन को छोडकऱ अन्य भूमि 3.5 हेक्टेयर को बस स्टैंड के लिए देने के लिए सहमति प्रदान कर दी गई है।
क्रांति लाल, सचिव, कुंवारती कृषि उपज मंडी, बूंदी
बस स्टैंड को पुरानी धान मंडी में शिट करने की कवायद की जानकारी मिली है। हालांकि अभी उच्चाधिकारियों से किसी प्रकार की सूचना नहीं मिली है। निगम के आदेशों की पालना की जाएगी।
सुनीता जैन, मैनेजर, बूंदी आगार
सुनीता जैन, मैनेजर, बूंदी आगार