वृद्ध मां ही सहारा…
विमंदित बेटियों की स्थिति को बताते हुए 60 वर्षीय मां शमा की आंखें छलक पड़ी। छलकती आंखों से बोली कि दोनों बेटियां जन्म से ही विमंदित होने से विवाह नहीं कर पाए। बुढ़ापे में सहारा बनती लेकिन उसके बजाए बेटियों को सहारा देना पड़ रहा है। दोनों ही बेटियों के जन्म सेे ही विमंदित व दिव्यांग होने से मां शमा बानो को चालीस वर्ष की शबनम व 35 वर्ष की सन्नू का शिशुओं की तरह ख्याल रखना पड़ रहा है। पिता असलम पंक्चर की दुकान लगाता है। जिसकी माली हालत ठीक नहीं है। एक कमरे के मकान में ही पूरा परिवार को बसर करना पड़ रहा है।