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बूंदी में सिर्फ 58 फीसदी अभिभावकों ने जानी बच्चों की प्रगति, दूसरे नम्बर पर रहा

प्रदेश में निजी स्कूलों की तर्ज पर शुरू की गई सरकारी स्कूलों में टीचर-अभिभावक बैठक (पीटीएम) को लेकर सरकारी स्कूल गंभीर नहीं है।

बूंदीApr 09, 2024 / 07:14 pm

पंकज जोशी

बूंदी में सिर्फ 58 फीसदी अभिभावकों ने जानी बच्चों की प्रगति, दूसरे नम्बर पर रहा

बूंदी में सिर्फ 58 फीसदी अभिभावकों ने जानी बच्चों की प्रगति, दूसरे नम्बर पर रहा
बूंदी. प्रदेश में निजी स्कूलों की तर्ज पर शुरू की गई सरकारी स्कूलों में टीचर-अभिभावक बैठक (पीटीएम) को लेकर सरकारी स्कूल गंभीर नहीं है।

प्रदेश के केवल 67 फीसदी स्कूलों ने ही इस बारे में शाला दर्पण पर आंकड़ा भरा है, जबकि सभी स्कूलों को पीटीएम उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य है। इसके प्रति सरकारी स्कूल कितने संजीदा हैं, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है। सात जिलों में जहां 80 फीसदी से अधिक स्कूलों में मेगा पीटीएम हो पाई है, वहीं नौ जिलों में 60 फीसदी से कम उपस्थिति दर्ज की गई है। शेष बचे जिलों में 60 से 80 फीसदी तक उपस्थिति हुई है।

आंकड़ों का अध्ययन करें तो प्रदेश में भीलवाड़ा के अभिभावकों ने पीटीएम में सबसे अधिक रूचि दिखाई है। यहां 93 फीसदी उपस्थिति के साथ जिला प्रदेश में सिरमौर है। जबकि अंतिम पायदान पर 44 फीसदी उपस्थिति के साथ चूरू जिला है। बूंदी जिला 86 फीसदी अंको के साथ दूसरे नंबर पर है। बूंदी जिले में 86 प्रतिशत स्कूलों में पीटीएम आयोजित की गई, जिसमें 58 फीसदी अभिभावकों ने उपस्थिति दर्ज कराई। इस शिक्षा सत्र की अंतिम मेगा पीटीएम 22 मार्च को आयोजित की गई थी, जिसका जिलेवार निदेशालय ने आंकड़ा जारी किया है।

यह था उद्देश्य
इस पीटीएम में शिक्षकों ने अभिभावकों को उनके बच्चे की पढ़ाई की प्रगति एवं कमजोरी के बारे में जानकारी दी। प्रदेश के नौ जिलों की स्थिति तो यह थी कि वहां के अभिभावकों ने पीटीएम में रुचि ही नहीं दिखाई, जबकि पीटीएम मीटिंग के लिए शिक्षा विभाग ने कई निर्देश जारी किए थे। हालांकि कई स्कूलों में बोर्ड परीक्षाएं संचालित होना भी उपस्थिति कम होने का कारण माना जा रहा है।

इतने अभिभावक पहुंचे
चूरू जिले में 44 प्रतिशत स्कूलों में पीटीएम हुई। इनमें 30 फीसदी अभिभावकों ने ही अपनी भागीदारी निभाई। भीलवाड़ा जिले में 93 प्रतिशत स्कूलों में पीटीएम आयोजित की गई, इसमें 68 फीसदी अभिभावकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इसके अलावा डूंगरपुर में 49, जोधपुर व बासवाड़ा में 50, सिरोही, बाड़मेर व झुंझूंनुुं में 56 फीसदी स्कूलों में पीटीएम आयोजित की गई।

80 प्रतिशत से अधिक जिले
प्रदेश के सात जिलों में 80 प्रतिशत से अधिक स्कूलों में पीटीएम आयोजित की गई। इसमें कोटा 80, श्रीगंगानगर में 81, बारां में 82, भरतपुर 85, झालावाड़ 86, बूंदी 86 तथा भीलवाड़ा में 93 प्रतिशत स्कूलों में पीटीएम आयोजित की गई। हाड़ौती के सभी जिलों में 80 से अधिक फीसदी स्कूलों में पीटीएम हुई।

सरकारी स्कूलों में शुरु की गई टीचर-अभिभावक बैठक (पीटीएम) जिले में 86 फीसदी स्कूलों में आयोजित हुई। जिसमें 58 फीसदी अभिभावकों ने बच्चों की प्रगति बैठक में जानी। जिले के लिए अच्छी बात है प्रदेश में दूसरे नंबर पर रहा। आगे नंबर वन पर लाने के प्रयास होंगे।
राजेंद्र कुमार व्यास, जिला शिक्षा अधिकारी,बूंदी

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