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गुडली की भिंडी कई शहरों में जमा रही धाक

उपखंड में गुडली गांव में भिंडी की आवक शुरू हो गई है। क्षेत्र के किसान यहां पर भिंडी बेचने पहुंच रहे हैं। यह क्षेत्र भिंडी उत्पादक के मामले में प्रसिद्ध है। यहां की भिंडी देश के विभिन्न शहरों, महा नगरों व गांवों में पहुंच रही है।

बूंदीApr 07, 2024 / 07:30 pm

पंकज जोशी

गुडली की भिंडी कई शहरों में जमा रही धाक

गुडली की भिंडी कई शहरों में जमा रही धाक
केशवरायपाटन. उपखंड में गुडली गांव में भिंडी की आवक शुरू हो गई है। क्षेत्र के किसान यहां पर भिंडी बेचने पहुंच रहे हैं। यह क्षेत्र भिंडी उत्पादक के मामले में प्रसिद्ध है। यहां की भिंडी देश के विभिन्न शहरों, महा नगरों व गांवों में पहुंच रही है।

गांव में भिंडी बेचने पहुंच रहे किसान मंडी नहीं होने से अलग-अलग स्थान पर दुकान लगाकर बैठे व्यापारियों को ही भिंडी बेचते हैं, जिससे उनको उचित भाव नहीं मिल पा रहा है। क्षेत्र के भिंडी उत्पादक किसान लंबे समय से भिंडी मंडी स्थापित करने की मांग कर रहे हैं। इस बारे में कई बार क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन गांव में मंडी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है।

भिंडी उत्पादक किसान नरेंद्र सुमन, लालचंद सुमन तुलसीराम मेरोठा, राजेश रेगर, नंदकिशोर ने बताया कि क्षेत्र में अच्छी किस्म की भिंडी का उत्पादन होता है, जिसकी मांग देश के कई शहरों में हैं। इस समय भिंडी के भाव 20 से 25 किलो चल रहे हैं।

सुबह से जुट जाते हैं किसान
गुडली गांव शुरू से ही भिंडी उत्पादन में अग्रणी रहा है। यहां के किसानों की देखा देखी करते हुए क्षेत्र के आधा दर्जन गांव की किसानों ने भी भिंडी की खेती शुरू कर दी। अच्छे भाव मिलने पर अच्छी आमदनी होती हैं। भिंडी उत्पादक किसान परिवार के सदस्यों एवं श्रमिकों के साथ सुबह से ही अपने खेतों में ताज भिंडी तोड़ने के लिए निकल पड़ते हैं। सुबह से दोपहर 12 तक खेतों से भिंडी तोड़कर बोरियों में भरकर गुडली पहुंचते हैं, जहां व्यापारी बोली लगाकर भिंडी खरीदते हैं।

स्वाद के कायल हैं लोग
यहां की भिंडी का स्वाद सबसे अलग होने से इसकी मांग दिनों दिन बढ़ती जा रही है। यहां से प्रतिदिन भिंडी दिल्ली, जयपुर, कोटा, बूंदी ,बारां झालावाड़ में मांग बनी रहती है। भिंडी की आवक शुरू होते ही यहां स्थानीय खरीददार के साथ कोटा के व्यापारी भी भिंडी खरीदने पहुंचते हैं।

भूमि के अभाव से अटकी मंडी
ग्राम पंचायत गुड़ली भिंडी मंडी के लिए जगह की व्यवस्था नहीं कर पा रही है। गुडली गांव के वाशिंदों ने बताया कि गांव में तीन से चार बीघा सिवायचक भूमि की जरूरत थी, जो उपलब्ध नहीं होने से मंडी स्वीकृत नहीं हो पा रही हैं।

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