बूंदी

मानसून की बेरुखी ने अटकाई बुवाई, किसानों में मायूसी

मानसून की बेरुखी ने भूमिपुत्रों के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी। कई किसानों ने मानसून पूर्व की बारिश में बुवाई कर दी थी, जिस बीज के अब खराब होने की आशंका पैदा हो गई।

बूंदीJul 04, 2021 / 09:10 pm

पंकज जोशी

मानसून की बेरुखी ने अटकाई बुवाई, किसानों में मायूसी

मानसून की बेरुखी ने अटकाई बुवाई, किसानों में मायूसी
धान की रोपाई अटकी, सोयाबीन की बुवाई करने वाले किसान रुके
खेतों में नष्ट होने लगा अंकुरित बीच
बूंदी. मानसून की बेरुखी ने भूमिपुत्रों के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी। कई किसानों ने मानसून पूर्व की बारिश में बुवाई कर दी थी, जिस बीज के अब खराब होने की आशंका पैदा हो गई। जबकि बड़ी संख्या में किसान बारिश के बाद बुवाई का इंतजार कर रहे हैं। धान की रोपाई भी आधी-अधूरी अटकी हुई है। असिंचित क्षेत्र के बांधों में पानी नहीं आने से किसान असमंजस में हैं कि कौनसी फसल की बुवाई करें। प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी जिले में धान 155 हैक्टेयर में रोपा गया है। जबकि 22 हैक्टेयर में मक्का, 40 हैक्टेयर में उड़द, 45 हैक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई की गई है। हालांकि कृषि विभाग ने अभी बारिश नहीं आने से खेतों में नुकसान की बात नहीं मानी है। पर मानसून की अधिक देरी पर चिंता बढऩे की बात कही है।
अंकुरित होने से पहले खेतों में नष्ट होने लगा बीज
कापरेन. बरसात नहीं होने से क्षेत्र के किसानों की चिंता बढ़ गई। बीते एक सप्ताह पहले हुई बरसात के बाद कई गांवों में किसानों ने अच्छी बरसात की उम्मीद को लेकर सोयाबीन की बुवाई कर दी। कई जगहों पर धान की रोपाई शुरू कर दी, लेकिन बुवाई के बाद से अब तक बरसात नहीं होने से पर्याप्त नमी के अभाव में खेतों में अंकुरित होने से पहले ही महंगे दामों पर खरीदा गया बीज नष्ट होने लग गया। आजन्दा, कोडक्या, बोयाखेड़ा, चरडाना, अरडाना, बाझड़ली, बलदेवपुरा आदि गांवों में बारिश के बाद 90 फीसदी बुवाई का काम पूरा हो चुका। कापरेन, बलकासा, अड़ीला, बालोद गांवों में बारिश के अभाव में अभी बुवाई शुरू नहीं हुई। किसान सत्यनारायण, जुगराज सिंह, रामदयाल मीणा, कालू लाल मीणा ने बताया कि सोयाबीन का बीज 10 हजार से 16 हजार रुपये प्रति क्विंटल में खरीदा था।
बारिश छका रही, इंतजार हो रहा लंबा
नोताडा. क्षेत्र में 25 जून के बाद से ही बारिश नहीं होने की वजह से अब किसानों को बुवाई रुकने और बोए गए बीज के नष्ट होने की चिंता सताने लग गई। किसान रामसिंह चौधरी, मुकेश बोहरा ने बताया कि सात दिन पहले हुई बारिश में लगभग 50 प्रतिशत किसानों ने बुवाई कर दी। कुछ किसान बीज तैयार करके उराई करने में बैठे थे, लेकिन अब बारिश के आसार नहीं आने से चिंतित होने लगे। पांच दिन पहले बोया गया सोयाबीन अंकुरित हो चुका, लेकिन तापमान अधिक होने से खेतों में ही नष्ट होने लग गया। गर्मी अधिक होने से कीट प्रकोप भी लगता दिखाई देने लग गया।
किसान कर रहे हैं तेज बारिश का इंतजार
हिण्डोली. जून माह के आखिरी में बारिश नहीं होने से क्षेत्र में सूखे पड़े बांध तालाबों के चलते भू-जलस्तर गहराने लग गया। गुढ़ाबांध, गोठड़ा, रुणिजा, रामसागर, बाक्या, मेंडी, फूलसागर, शंभू सागर, बसोली, बासनी, पेच की बावड़ी, रूण का खाल, नारायणपुर बांध में अब तक आवक नहीं हुई। बांधों में पानी नहीं होने से आस-पास के किसानों की चिंता बढ़ गई। किसानों ने इन दिनों खेतों में कर रखी सब्जियों की फसल के भी नष्ट होने के आसार पैदा हो गए।

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