डेढ़ सौ साल पुराने सिंचाई के लिए बने बरधा बांध में अवैध तरीके से मिट्टी खनन मामले में तालेड़ा थाना पुलिस ने आपराधिक प्रकरण (एफआइआर) दर्ज कर लिया। यह प्रकरण जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट पर अज्ञात जनों के खिलाफ दर्ज किया।
बूंदी•Jul 04, 2021 / 09:00 pm•
पंकज जोशी
बरधा बांध से अवैध मिट्टी खनन पर एफआइआर दर्ज
बरधा बांध से अवैध मिट्टी खनन पर एफआइआर दर्ज
तालेड़ा थाना पुलिस की जांच में हुई अवैध खनन की पुष्टि
जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता ने दी थी रिपोर्ट
डेढ़ सौ साल पुराने सिंचाई के लिए बने बरधा बांध का मामला
बूंदी. डेढ़ सौ साल पुराने सिंचाई के लिए बने बरधा बांध में अवैध तरीके से मिट्टी खनन मामले में तालेड़ा थाना पुलिस ने आपराधिक प्रकरण (एफआइआर) दर्ज कर लिया। यह प्रकरण जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट पर अज्ञात जनों के खिलाफ दर्ज किया। अब पुलिस जांच में मिट्टी खनन करने वालों के नाम सामने आ सकेंगे।
जल संसाधन विभाग परियोजना खंड के सहायक अभियंता ललित मीणा ने तालेड़ा थानाधिकारी के नाम बरधा बांध की जमीन में अवैध मिट्टी खनन किए जाने की रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट में बताया कि बरधा बांध मध्यम सिंचाई परियोजना है। जिसमें 23 गांवों की सिंचाई होती है।
बांध के डूब क्षेत्र में कुछ अज्ञात जने मशीनों से, जिनमें जेसीबी और एलएनटी से गैर कानूनी तरीके से खनन कर रहे हैं। जिसको रोका जाना अत्यन्त आवश्यक है। विभाग के अभियंताओं के मना करने पर खनन कर रहे लोग धमकियां दे रहे हैं। मिट्टी खुदाई का काम लगातार जारी रखा जा रहा है। ऐसे में अवैध गैर कानूनी खनन को रुकवाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं, ताकि विभागीय कर्मचारियों पर किसी प्रकार मारपीट की घटना ना घटे। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि विभागीय गाइड लाइन के अनुसार बांध के भराव क्षेत्र एमएब्ल्यूएल तक किसी प्रकार की खुदाई नहीं की जा सकती।
26 जून को थाने से जांच अधिकारी एएसआई दुर्गालाल गौतम, सहायक अभियंता ललित मीणा जांच के लिए बांध पर पहुंचे। जहां देखा गया तो बांध में अवैध तरीके से खोदी गई मिट्टी के जख्म बांध में स्पष्ट दिखाई दिए। बांध में गहरी खाइयां दिखाई पड़ी। जो मिट्टी निकालने से हुई। प्रारंभिक जांच में पुष्टि के बाद तालेड़ा थाना पुलिस ने प्रकरण को धारा 379 आइपीसी व 4/21 एमएसआरडी एक्ट का मानते हुए प्रकरण दर्ज कर लिया। इस मामले की जांच अब आगे उपनिरीक्षक लादूराम को सौंपी गई। तालेड़ा थाना अधिकारी महेश सिंह ने बताया कि बरधा बांध में अवैध खनन होने की पुष्टि होने पर विभाग के सहायक अभियंता की रिपोर्ट पर प्रकरण दर्ज कर लिया।
नामजद दे रखी रिपोर्ट
जल प्रबंधन समिति के कोषाध्यक्ष दयाराम गुर्जर ने बताया कि इस मामले में ग्रामीणों ने भी तालेड़ा थाने और पुलिस अधीक्षक को नामजद रिपोर्ट दे रखी है। ग्रामीणों ने इस मामले में जल संसाधन एवं प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ भी शिकायत की थी। ऐसे में पुलिस अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करें। उन्होंने बताया कि बांध में विभाग का स्टाफ 24 घंटे कार्यरत रहने के बावजूद कैसे बांध की जमीन से सैकड़ों डम्पर मिट्टी खनन हो गया।
खाई को मिट्टी से भरवाएं, रोके सीपेज
किसानों ने बताया कि इस गहरी खाई से बांध में सीपेज नहीं बढ़े, इससे बचाने के लिए विभाग गहरी खाई को बारिश का पानी आने से पहले मिट्टी से भरवाएं।
प्रभारी मंत्री मीणा ने दिए थे मुकदमे के आदेश
बूंदी आए प्रभारी मंत्री परसादीलाल मीणा के सामने सर्किट हाउस में भाजपा नेता जितेन्द्र सिंह हाड़ा एवं वरिष्ठ पार्षद रमेश हाड़ा ने यह मसला रखा था। दोनों नेताओं ने उन्हें पत्र सौंपने के साथ ही बांध से मिट्टी खनन के बाद पैदा हुए हालातों के फोटो दिखाकर अवगत कराया था। उन्हें बताया था कि आज भी बांध के बूंद-बंूद पानी से खेतों में सिंचाई होती है। यदि बांध मर गया तो किसान आत्महत्या को मजबूर हो जाएंगे। इसे प्रभारी मंत्री मीणा ने गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक शिवराज मीना को प्रकरण दर्ज किए जाने और जिला कलक्टर आशीष गुप्ता को पूरे मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए थे। इससे पहले मामला जिला परिषद की बैठक में भी जोरशोर से उठा था।
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