सरकार हो गई ऑनलाइन, विभाग अब तक बैलगाड़ी पर,400 कर्मचारियों का वेतन अटका…
परिषद के कोष में इतना बजट नहीं की कर्मचारियों को बढ़ी हुई सेलरी का लाभ दिया जाए। वर्तमान में ही लाले पड़े हंै। खजाने में 20 से 25 लाख रुपए है और करोड़ों की वसूली बकाया चल रही है। ऐसे में परिषद फरवरी में कर्मचारियों के खातों में बढ़ी हुई तनख्वाह कैसे जमा करेगी। लेखा शाखा वेतन फिक्सेशन का काम भी पूरा नहीं कर प।ईस्वच्छता सर्वेक्षण की तिथि निर्धारित, 22 जनवरी को बूंदी आएगी टीम, लेगी फीडबैक
नगर परिषद कर्मियों को सातवें वेतन का लाभ देने के निर्णय से करीब 343 कर्मचारी लाभान्वित होंगे। परिषद पर इससे करीब 45 लाख रुपए महीने का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। इसके अलावा एरियर के रूप में करीब 20 लाख का भुगतान किया जाएगा।
परिषद कोष पर सालाना करीब 7 करोड़ 20 लाख का अतिरिक्त भार
लेखा अधिकारियों के मुताबिक परिषद में सफाईकर्मी को इससे सीधे तौर पर 5 से 6 हजार रुपए और अधिकारियों को 10 से 15 हजार रुपए के बीच लाभ मिलेगा। उदाहरण के तौर पर अब तक यदि किसी सफाईकर्मियों को न्यूनतम 25 हजार रुपए मिल रहे थे, जो अब बढकऱ करीब 30 हजार रुपए हो जाएंगे।इसी तरह अधिकारियों को यदि न्यूनतम 56 से 60 हजार रुपए मिल रहे थे जो अब 70 से 75 हजार रुपए जमा होंगे।
9 माह का एरियर तीन किश्तों में-
सातवें वेतनमान की घोषणा के साथ ही सरकार ने एक जनवरी 2017 से 20 सितम्बर 2017 तक के एरियर का भुगतान तीन किश्तों में करने के आदेश दिए। इसमें पहली किश्त अप्रेल 2018 में, दूसरी किश्त जुलाई 2018 में और तीसरी किश्त अक्टूबर 2018 में कर्मचारियों के खातों में जमा होगी।
अब होगी बढोत्तरी
सरकार के इस निर्णय का सीधा असर नगर परिषद कर्मियों के वेतन पर भी पड़ेगा। उनके खातों में करीब 14.22 प्रतिशत की दर से अधिक राशि जमा होगी। ऐसे में कुल तनख्वाह करीब 1 करोड़ 25 लाख हो जाएगी।
तीन माह का एरियर परिषद कोष से
जनवरी से सितम्बर का एरियर खातों में तीन किश्त में जमा कराएगी। जबकि अक्टूबर, नवम्बर और दिसम्बर 2017 का करीब 60 लाख रुपए का एरियर परिषद को अपने कोष से करना होगा।
विनोद शर्मा, कैशियर ने बताया कि कर्मचारियों के फिक्सेशन के बाद ही वेतनमान दिया जाएगा। फिलहाल आय का 10 प्रतिशत वेतनमान बढकऱ दिया जाएगा। परिषद का कोष खाली है। कर्मचारियों को बकाया वेतनमान के लिए 65 लाख रुपए ओर चाहिए।
नगर परिषद, बूंदी कार्यवाहक आयुक्त,अरुणेश शर्मा का कहना है कि परिषद को अब अपने कोष को बढ़ाने पर ध्यान देना होगा। इसके लिए इनकम सोर्स पर पूरा ध्यान दिया जाएगा। जिला कलक्टर से मिलकर चर्चा की है।कृषि भूमि नियमन, सिवायचक कलक्टर को इसके लिए बोला है। यूडी टैक्स की रिकवरी, होटल पंजीयन सहित अन्य सोर्स पर ध्यान देने की जरूरत है।