बूंदी

धोकड़े के पेड़ों पर चल रही है कुल्हाड़ी

सर्दियों के मौसम में जलाऊ लकड़ियों व कुल्हाड़ी के बांसे आदि बनाने के लिए इन दिनों बूंदी के जंगलों व अन्य सरकारी जमीनों पर धोक के पेड़ों की कटाई बड़े पैमाने पर हो रही है।

बूंदीDec 23, 2024 / 06:05 pm

पंकज जोशी

गुढ़ानाथावतान. वन विभाग के गश्ती दल द्वारा पकड़ी गई धोक की गीली लकड़ियों से भरी मेटाडोर।

गुढ़ानाथावतान. सर्दियों के मौसम में जलाऊ लकड़ियों व कुल्हाड़ी के बांसे आदि बनाने के लिए इन दिनों बूंदी के जंगलों व अन्य सरकारी जमीनों पर धोक के पेड़ों की कटाई बड़े पैमाने पर हो रही है। जिले में धोक के जंगलों की बहुतायत है तथा इस अमूल्य वनस्पति को इस तरह काटा जाना जैवविविधता के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है।
जानकारी के अनुसार हिंडोली व बूंदी वन क्षेत्र के साथ सरकारी व चारागाह भूमियों पर उगे धोक के पेड़ों पर इन दिनों लकड़ी माफिया की नजर है। सर्दियों का फायदा उठाते हुए आरा मशीन संचालक धोक के पेड़ों की कटाई में लगे हैं। हिंडोली क्षेत्र में सबसे ज्यादा पेड़ों की कटाई हो रही है। शनिवार को वन विभाग के बूंदी रेंज के सथूर नाका स्टाफ़ ने धोक की लकड़ियों से भरी एक मेटाडोर को जब्त किया।
जानकारी करने पर पता चला कि हिंडोली क्षेत्र से धोक की लकड़ी काटी गई है। वन विभाग ने जिले के सथूर के पास गीली लकड़ियों से भरी इस मेटाडोर को पकड़ा जिसमें धोक की लकड़ियां भरी हुई थी। गौरतलब है कि वन अधिनियम के तहत धोक की कटाई एवं परिवहन पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है। जिले में अवैध रूप से हो रहे धोक के हरे पेड़ों के परिवहन ने पूरे प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है।
इनका कहना है
धोक से भरी मेटाडोर हमने पकड़ी है जिसकी जांच पड़ताल कर रहे हैं की पेड़ कोनसी भूमि से काटे गए हैं तथा नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
डॉ. दीपक जासु, क्षेत्रीय वन अधिकारी,बूंदी

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