जानकारी के अनुसार बरसों बाद रामसागर झील लबालब हुई है ।लेकिन कुछ किसान फसलों की सिंचाई के नाम पर यहां पर एक माह से झील का लगातार पानी निकाल रहे हैं। जबकि कई किसानों के खेतों में पानी का उपयोग नहीं होने के कारण फसलें खराब होने की संभावना बनी हुई है। गत 10 दिनों लगातार पानी का वेग बढ़ा देने से पानी नालों में व्यर्थ बह रहा है। जिससे किसानों में भारी रोष व्याप्त है।
किसानों का कहना है कि नगर पालिका झील पर जिम्मेदार कर्मचारियों नहीं लगाने से अमृत के समान पानी व्यर्थ बहा रहे हैं। जिससे गर्मी के मौसम में काफी परेशानी का सामना उठाना पड़ेगा। बरसों से नहीं दे रहे सिंचाई शुल्क
लोगों का कहना है कि रामसागर झील से अमरत्या सहित कुछ गांवों की भूमि सिंचित की जाती थी। लेकिन किसान बरसों से सिंचाई शुल्क नहीं दे रहे हैं। किसानों का कहना है कि रामसागर झील का पानी बचाया जाए। लेकिन यहां पर लापरवाही के चलते हैं दिन-रात मोरी से पानी छोड़ा जा रहा है। जो पानी खेतों में भरा हुआ है। किसानों ने बताया कि इस पानी को अभी रोका जाए तो गर्मी में लोगों के लिए जीवनदान साबित होगा।
लोगों का कहना है कि रामसागर झील से अमरत्या सहित कुछ गांवों की भूमि सिंचित की जाती थी। लेकिन किसान बरसों से सिंचाई शुल्क नहीं दे रहे हैं। किसानों का कहना है कि रामसागर झील का पानी बचाया जाए। लेकिन यहां पर लापरवाही के चलते हैं दिन-रात मोरी से पानी छोड़ा जा रहा है। जो पानी खेतों में भरा हुआ है। किसानों ने बताया कि इस पानी को अभी रोका जाए तो गर्मी में लोगों के लिए जीवनदान साबित होगा।