करवर थाना क्षेत्र के खजूरी गांव में भगवान रघुनाथ मंदिर से 3 दिसम्बर को चोरी हुई राधा-कृष्ण की बेशकीमती मूर्तियां पुलिस ने बरामद कर ली। पुलिस ने मुख्य आरोपित सदर थाना क्षेत्र के बहादुरपुरा निवासी कपिल मीणा (23) को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अभी अन्य साथियों की तलाश में हैं। मूर्ति चोरी की इस वारदात को खोलने में अहम भूमिका पुलिस की विशेष शाखा की रही है।
पुलिस अधीक्षक आदर्श सिधु ने गुरुवार शाम पत्रकार वार्ता में बताया कि मूर्ति चोरी के बाद से ही संदिग्धों पर पुलिस की नजर थी। दोनों मूर्तियां काले पत्थर की और बेशकीमती हैं।
पुलिस अधीक्षक आदर्श सिधु ने गुरुवार शाम पत्रकार वार्ता में बताया कि मूर्ति चोरी के बाद से ही संदिग्धों पर पुलिस की नजर थी। दोनों मूर्तियां काले पत्थर की और बेशकीमती हैं।
विशेष शाखा की प्रभारी निर्मल रंधावा की टीम ने जाल बिछाया और जांच शुरू की। तभी 13 दिसम्बर को पता चला कि एक युवक नैनवां-टोंक क्षेत्र के नीलम पत्थर को बेचने के लिए बूंदी में ग्राहक तलाश रहा है। तभी टीम पहुंची और युवक की तलाश शुरू कर दी। मुखबिर के बताए हुलिए अनुसार बूंदी के माटूंदा रोड पर युवक के मौजूद होने की पुष्टि हुई। टीम ने उसे तलाशा और पकड़ लिया। युवक ने पूछताछ में अपनी पहचान सदर थाना क्षेत्र के बहादुरपुरा निवासी कपिल मीणा बताया। जब कड़ाई से पूछताछ की तो कपिल ने साथियों की मदद से मूर्ति चोरी की वारदात कबूल ली। बाद में टीम ने उसके बताए अनुसार जगह से मूर्तियां बरामद कर ली।
जमीन से निकाला
कपिल ने दोनों ही मूर्तियां जमीन में दबा रखी थी। टीम माटूंदा रोड मुक्तिधाम के पास एक भू-खंड पर पहुंची। मूर्तियों को जमीन से निकाला और देखा तो उनके खजूरी मंदिर की होने की पुष्टि हो गई।
कपिल ने दोनों ही मूर्तियां जमीन में दबा रखी थी। टीम माटूंदा रोड मुक्तिधाम के पास एक भू-खंड पर पहुंची। मूर्तियों को जमीन से निकाला और देखा तो उनके खजूरी मंदिर की होने की पुष्टि हो गई।
मूर्तियों के निकले टुकड़े
संदिग्ध युवक कपिल जिन पत्थरों का ग्राहक ढूंढ रहा था उन्हीं पत्थरों ने उसे जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। विशेष शाखा के जवान हरिराम गुर्जर ने पत्थर के टुकड़ों को देखकर सूंघा तो उसमें से दूध की गंध आई। तभी टीम ने भांप लिया कि काले पत्थर के टुकड़े मूर्तियों के हैं। टीम में विशेष शाखा प्रभारी रंधावा के साथ कांस्टेबल नरेन्द्र कुमार, रघुवीर सिंह, कैलाश चौधरी भी शामिल थे।
संदिग्ध युवक कपिल जिन पत्थरों का ग्राहक ढूंढ रहा था उन्हीं पत्थरों ने उसे जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। विशेष शाखा के जवान हरिराम गुर्जर ने पत्थर के टुकड़ों को देखकर सूंघा तो उसमें से दूध की गंध आई। तभी टीम ने भांप लिया कि काले पत्थर के टुकड़े मूर्तियों के हैं। टीम में विशेष शाखा प्रभारी रंधावा के साथ कांस्टेबल नरेन्द्र कुमार, रघुवीर सिंह, कैलाश चौधरी भी शामिल थे।
पैरों में की तोडफ़ोड़
मूर्ति चोरों ने जांच के लिए दोनों ही मूर्तियों के पैरों में तोडफ़ोड़ कर दी। इससे कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ बताया। करवर पुलिस को सौंपा
पुलिस अधीक्षक सिधु ने बताया कि आरोपित को मामले की जांच कर रहे करवर थाना प्रभारी रामगिलास को सौंप दिया। प्रेसवार्ता के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दशरथ सिंह भी मौजूद थे।
मूर्ति चोरों ने जांच के लिए दोनों ही मूर्तियों के पैरों में तोडफ़ोड़ कर दी। इससे कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ बताया। करवर पुलिस को सौंपा
पुलिस अधीक्षक सिधु ने बताया कि आरोपित को मामले की जांच कर रहे करवर थाना प्रभारी रामगिलास को सौंप दिया। प्रेसवार्ता के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दशरथ सिंह भी मौजूद थे।