चंदेरिया-कोटा रेलखंड पर बूंदी और तालेड़ा के बीच ट्रैक पर लोहे की रॉड पड़ी थी। गुरुवार को ट्रैक से निकलते समय उदयपुर-आगरा वंदे भारत (20981) के लोको पायलट को ट्रैक पर यह लोहे की रॉड नजर आ गई। इस पर उसने समय रहते ट्रेन को रोक लिया। ऐसे में बड़ा हादसा होने की आशंका टल गई। इसके बाद ट्रैक का निरीक्षण कर ट्रेन को रवाना किया गया।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पाया गया कि ट्रैक पर मिली यह लोहे की रॉड टाइबार फेंसिंग की है, जो सामान्यत: रेलवे स्टेशन या कॉलोनी के पास फेंसिंग के लिए उपयोग की जाती है। यह ट्रैक पर कैसे पहुंची, इस मामले की जांच की जा रही है। जहां ट्रैक पर लोहे की रॉड मिली, वहां आसपास रेलवे कॉलोनी और रेलवे स्टेशन नहीं है। ऐसे में आरपीएफ मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कर रही है।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पाया गया कि ट्रैक पर मिली यह लोहे की रॉड टाइबार फेंसिंग की है, जो सामान्यत: रेलवे स्टेशन या कॉलोनी के पास फेंसिंग के लिए उपयोग की जाती है। यह ट्रैक पर कैसे पहुंची, इस मामले की जांच की जा रही है। जहां ट्रैक पर लोहे की रॉड मिली, वहां आसपास रेलवे कॉलोनी और रेलवे स्टेशन नहीं है। ऐसे में आरपीएफ मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कर रही है।
यह भी पढ़ें
खुशखबरी: सोगरिया स्टेशन से चलेगी ये 2 स्पेशल साप्ताहिक ट्रेन, इन स्टेशनों पर होगा ठहराव
पहले रख दिया था बाइक का फ्रेम
कोटा रेल मंडल में छबड़ा रेलवे स्टेशन पर कोटा-बीना रेलवे ट्रैक पर 28 अगस्त की रात को गजराज सिंह ने बाइक का फ्रेम रख दिया था। इससे मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। जांच के बाद आरपीएफ ने उसे गिरफ्तार किया था।
पांच सदस्यीय टीम गठित
पर्यवेक्षक स्तर के पांच लोगों की जांच कमेटी बनाई गई है। इसमें लोको निरीक्षक, यातायात निरीक्षक, पीडब्ल्यूआई, आरपीएफ, इलेक्टि्रकल विभाग के अधिकारी मामले की जांच करेंगे।
यह भी पढ़ें