यह भी पढ़ें: सवर्णों को आरक्षण का बिल पास होने पर मुसलमानों और किसानों ने दिया यह रिएक्शन- देखें वीडियो सवर्णों को बहकाने वाला बताया एडवोकेट मदन पाल सिंह गौतम ने कहा कि चुनाव नजदीक आने पर पीएम ने सवर्णों को 10 फीसदी अारक्षण दिया है। यह चुनावी स्टंट है। यह सवर्णों को बहकाने वाला है। अगर देना ही था तो सरकार बनते ही क्यों नही दिया। तीन राजयों में चुनाव हारने के बाद सवर्णों को दस फीसदी अारक्षण का लॉलीपॉप दिया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार मुसलमानों को भी 10 फीसदी आरक्षण दे। अगर देंगे तो उनकी नीयत ठीक है नहीं तो यह बेकार है। सवर्ण समाज इनके बहकावे में नहीं आ रहा है, इसलिए यह कार्ड खेला गया है। सरकार दलितों के साथ अत्याचार कर रही है। सवर्ण समाज अब इनको वोट नहीं देगा, वह गठबंधन को वोट देगा। इनकी करारी हार होगी।
यह भी पढ़ें: Video: योगी के इस मंत्री ने कहा- सपा-बसपा गठबंधन की देन है सवर्णों को अारक्षण चुनावी स्टंट बताया एडवोकेट महेंद्र पाल सिंह का कहना है कि जब सरकार बनी थी, तभी हो जाना चाहिए था। तब सही था। पहले इनको आयोग गठित किया जाना था। अभी तो यह ही नहीं पता कि कितने गरीब हैं। आठ लाख की सीमा भी ज्यादा है। यह कम होनी चाहिए। ढाई लाख वाले को तो इनकम टैक्स में ला रहे हैं तो आठ लाख वाले को गरीब कैसे मानेंगे। यह चुनावी स्टंट है।
यह भी पढ़ें: जेल से बाहर आने के बाद बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ेगा यह बाहुबली! समाजसेवी ने भी इसे छल बताया समाजसेवी प्रशांत बाल्मीकि ने कहा कि यह लॉलीपॉप केंद्र सरकार ने सवर्ण समाज के लोगों को बहकाने के लिए दिया है। यह हो नहीं सकता है। किसी का आरक्षण कम भी नहीं हुआ है। 50 परसेंट सवर्णों में से ही 10 फीसदी सवर्णों को आर्थिक आधार पर देना होगा अारक्षण। आठ लाख तक के लोगों को इस सीमा में रखा गया है। इससे लोगों को भला कैसे होगा, पता नहीं। यह छला गया है।