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जल बचाने के नहीं किए उपाय तो बूंद—बूंद को तरसेंगे लोग दरअसल, बुलंदशहर जिले के धमेरा कीरत गांव में एक सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक की करीब 10 महीनों की मेहनत ने इस स्कूल को पूरी तरह बदल दिया। इसी वर्ष जनवरी में धमेडा के इस प्राथमिक स्कूल में अहमद अली बतौर प्रधानध्यापक बनकर आये थे। जहां पहले विद्यालय में छात्रों की संख्या काफी कम थी तो जनवरी माह में स्थानांतरण हो कर आए प्रधानाचार्य ने यहां के प्राथमिक स्कूल को इस तरह बना दिया कि ये अब प्राइवेट स्कूलों को टक्कर दे रहा है। यह भी पढ़ें
पीएम मोदी की इस बड़ी योजना में चल रहा था खेल, देखें वीडियो,ऐसे खुला राज विद्यालय के प्रधानाचार्य अहमद अली का कहना है कि उन्होंने एक ही सपना और एक ही धुन देखी है। वह चाहते हैं कि वह जहां भी बच्चों को पढ़ाएं वहां का विद्यालय ना सिर्फ साफ सुथरा हो, बल्कि वहां का शिक्षा का जो स्तर हो वह भी किसी कान्वेंट स्कूल की तरह ही हो। यही वजह है कि यहां अपने खर्चे से प्रधानाचार्य ने अध्यापक भी प्राइवेट रखे हुए हैं। प्रधानाध्यापक का कहना है कि वह कमजोर बच्चों को जो कि पढ़ाई में थोड़े देर से समझते हैं, उनके लिए खासतौर पर अपने पास से पैसा खर्च करके दो अध्यापकों के जरिए उन्हें पढ़ाने का जिम्मा संभाल रहे हैं। अब तो इस विद्यालय के चर्चे आसपास में भी होने लगे हैं। लोग इस विद्यालय को अब देखने भी आते हैं। यह भी पढ़ें
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प्रधानाध्यापक अहमद अली का कहना है कि वह यहां स्मार्ट क्लास भी चलाते हैं, जिसके लिए उन्होंने अपने पास से पैसे खर्च करके पूरा एक सेटअप तैयार किया है। जिस पर बच्चों के इंटरेस्ट की कहानी, किस्से और पढ़ाई से संबंधित तमाम चीजें उन्हें दिखाई जाती हैं। जिससे उन्हें न सिर्फ जागरूकता आती है, बल्कि वे और भी ज्यादा पढ़ाई के प्रति उत्सुक नजर आते हैं। उनका कहना है कि विद्यालय में पहले से ज्यादा और छात्र आने लगे हैं। वहीं गांव के लोगों का कहना है कि यह गांव हिंदू बहुल है, लेकिन जिस तरह से एक मुस्लिम प्रधानाचार्य ने यहां आकर उनके दिलों में जगह बनाई है वह तारीफ के योग्य है। हर कोई प्रधानाचार्य की तारीफ करता है। प्रधानाचार्य ने भी विद्यालय के पूरे प्रांगण को सलीके से सजाया और संवारा है। अपने खर्चे से उन्होंने काफी चीजें यहां बदली हैं। स्कूल में प्रधानाध्यापक के द्वारा ख़र्च करके पढ़ाने आने वाली शिक्षिका नीरू और दीप्ती का कहना है कि वह पढाई में कमजोर बच्चों को मजबूत करने के लिए बेहतर प्रयास कर रहे हैं और छात्रों में पढ़ाई की तरफ़ रुझान बढ़ा है।
प्रधानाध्यापक अहमद अली का कहना है कि उनका यही सपना है कि इस विद्यालय का प्रत्येक बच्चा टॉपर हो। इसमें वह कुछ आने वाली दिक्कतों का भी जिक्र करते हैं। प्रधानाध्यापक का कहना है कि कई बार लोग बच्चों को अक्सर बिना बताए रोक लिया करते हैं। जिससे उन छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती है।