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दरअसल, बुलंदशहर खुर्जा देहात कोतवाली क्षेत्र के गांव बिचौला निवासी भूपेंद्र सिंह उर्फ विक्की के खिलाफ कानपुर की कोर्ट से वारंट जारी हुआ था। भूपेंद्र को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश करने के आदेश हुए थे। इसके बाद तीन दिन पहले धराऊं चौकी इंचार्ज दरोगा विजय कुमार राठी ने भूपेंद्र को हिरासत में ले लिया था। पूरी रात भूपेंद्र को चौकी में रखा गया। आरोप है कि भूपेंद्र को छोड़ने के एवज में चौकी इंचार्ज ने दो लाख रुपये की घूस मांगी थी। भूपेंद्र ने दरोगा को 10 हजार रुपये दे दिए, जिसके बाद उसे छोड़ दिया गया। इसके बाद पांच हजार रुपये और दिए गए थे। वहीं चौकी इंचार्ज ने भूपेंद्र को फोन करके कहा कि यदि उसने बाकी एक लाख 85 हजार रुपये नहीं दिए तो वह उसके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करके जेल भेज देगा। इस मामले की जानकारी होने पर एसपी क्राइम ने जांच के बाद रिपोर्ट एसएसपी को सौंपी, जिसके आधार पर प्रथम दृष्टया मामला सही पाए जाने पर एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने दारोगा को सस्पेंड कर दिया है। एसएसपी ने बताया कि आरोपी उपनिरीक्षक के खिलाफ भ्रष्टाचार की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है। महकमे में भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर नहीं होने दिया जाएगा।