बुलंदशहर

Video- Kargil Vijay Diwas: परमवीर चक्र विजेता के गांव में अस्‍पताल का अखिलेश ने किया था वादा, भाजपा भूली

Kargil Hero रहे बुलंदशहर जिले के परमवीर चक्र विजेता योगेंद्र यादव के गांव में सुविधाओं का अभाव

बुलंदशहरJul 26, 2018 / 11:27 am

sharad asthana

Video- Kargil Vijay Diwas: परमवीर चक्र विजेता के गांव में अस्‍पताल का अखिलेश ने किया था वादा, भाजपा भूली

बुलंदशहर। कारगिल के हीरो रहे बुलंदशहर जिले के परमवीर चक्र विजेता योगेंद्र यादव के गांव में आज भी सुविधाओं का अभाव है। हालांकि, गांव के लोगों को अपने इस जांबाज पर फक्र भी है। कारगिल युध्द में गोलियां खाकर भी दुश्मन से लोहा लेने वाले योगेंद्र यादव ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलकर क्षेत्र में एक अस्पताल की मांग रखी थी। आपको बता दें क‍ि 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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सपा सरकार ने दी थी मंजूरी

तत्कालीन प्रदेश सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए अस्पताल का प्रस्ताव मंजूर कर लिया था। क्षेत्र में एक 100 बेड के हॉस्पिटल की घोषणा भी की गई थी, लेकिन सत्तापरिवर्तन के बाद यह सिर्फ घोषणा ही रह गई। न ही यहां अस्पताल बन पाया और न ही यहां बुनियादी सुविधाएं मिल पाईं। देश की रक्षा करने वाले योगेंद्र यादव के गांव के लोगों का कहना है कि सरकार ने यहां भी राजनीति की। इससे क्षेत्र में एक हॉस्पिटल बनते-बनते रह गया।
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भाई ने कहा, योगेंद्र पर है गर्व

योगेंद्र के बड़े भाई रामबल सिंह यादव का कहना है क‍ि उन्‍हें योगेंद्र यादव पर बड़ा गर्व होता है। पहले सरकार तवज्‍जो देती थी पर अब सब बदल गया है। गांव में सुविधाएं नहीं हैं। अस्‍पताल का काम भी बंद है। रास्‍ते खराब हैं। बिजली की लाइन जर्जर है। कोई विकास नहीं हो रहा है। सरकार को लगता है कारगिल के जांबाजों की फिक्र नहीं है।
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मां ने कहा, अस्‍पताल जरूरी है

वहीं, योगेंद्र यादव की मा शंकरा देवी का कहना है कि यहां अगर अस्पताल बन जाता तो सभी के लिए अच्छा होता। मगर यहां तो सरकार बदलने के बाद कोई भी ध्यान नहीं दे रहा। वह कहती हैं कि गांव क्षेत्र में अस्पताल जरूरी है। इसके लिए उनके बेटे ने कोशिश की थी।
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गांव का नहीं हुआ विकास

गांव के ही निवासी ओमवीर यादव का कहना है कि योगेंद्र यादव ने कारगिल में लड़ाई लड़ी। पर उनके गांव का कोई विकास नहीं हुआ। 100 बेड का अस्‍पताल मंजूर हुआ पर कोई काम नहीं हुआ। सरकार अपनी मनमानी कर रही है। उनके गांव के लाल ने दुनिया में इस गांव को पहचान दिलाई है। उसके लिए उन्हें उन पर नाज है। जो सुविधाएं यहां होनी चाहिए हैं, वे नहीं हैं तो दुख होता है।
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शासन के स्‍तर से हो रही देर

वहीं, इस बारे में जिले के सीएमओ केएन त्रिपाठी का कहना है कि शासन के स्तर से ही इसमें कोई देर है। यह बात सच है कि अस्पताल की मंजूरी मिल चुकी है। इस बारे में उन्हें जो भी आदेश सरकार से मिलेगा, उस पर वह गौर करेंगे।

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