बुलंदशहर के सिंकदराबाद में रहने वाले हाजी इमरान पेशे से किसान हैं। बेटी ने घर पर ही यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी की थी। घर वालों को यकीन नहीं था कि सदफ इस परीक्षा को इतनी आसानी से पास कर लेगी। इससे भी बड़ी मुश्किल ये थी कि अंतिम तारीख के बाद ही सदफ का फार्म आयोग के पास पहुंचा। लास्ट डेट निकल जाने की वजह से आयोग ने सदफ के फार्म को रिजेक्ट कर दिया। जब इस बात का पता सदफ को चला तो उन्होंने अपनी लड़ाई लड़ी और न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने सदफ को मौलिक अधिकार के तहत हक दिलाया कि वो परीक्षा में बैठ सकें।
अब सदफ ने परीक्षा दी पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास भी कर ली। जब इस बात का पता गांव वालों के चला तो पूरा गांव खुशी से झूम उठा। अब जैसे ही सदफ गांव पहुंची तो गांव वालों ने ढोल नगाड़ों से सदफ का स्वागत किया। खुशी के इस मौके पर पिता के आंखे भर आई और उन्होंने बेटी को गले से लगा लिया। यह देख हर कोई भावुक हो गया। गांव वालों ने पुष्प वर्षा करते हुए सदफ का स्वागत किया।