यह भी पढ़ें- 50 से ज्यादा मासूमों को बनाया निशाना, सीबीआई की पकड़ में आए इंजीनियर का खुलासा, 10 साल तक यह लालच देकर करता रहा घिनौना काम दरअसल, अनूपशहर में 15 अक्टूबर को एलएलबी की एक छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया था। पीड़िता ने 24 अक्टूबर को इस मामले में केस दर्ज कराया था, लेकिन पुलिस फरार आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी। परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का भी आरोप लगाया था। इसी बीच आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से नाराज सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता ने 16 नवंबर को फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया था। छात्रा ने सुसाइड नोट में पुलिस पर आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करने के आरोप लगाए हैं।
वहीं, जहांगीराबाद थाना क्षेत्र में एक युवती से दुष्कर्म मामले में न्याय नहीं मिलने पर उसने खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली थी। बताया जा रहा है कि आरोपी के परिजन पीड़िता के परिजनों पर समझौते का दबाव बना रहे थे, जिससे चलते युवती ने सुसाइड कर लिया। गंभीर रूप से झुलसने के बाद पीड़िता को दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां मंगलवार को उसने दम तोड़ दिया। बता दें किस दुष्कर्म की घटना को 15 अगस्त को अंजाम दिया गया था।
एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने सख्त रुख अपनाते हुए सीओ अनूपशहर अतुल चौबे और इंस्पेक्टर सुभाष सिंह को लाइनहाजिर कर दिया है। वहीं, जहांगाीरा बाद दुष्कर्म मामले में एसएसपी ने थाना जहांगीराबाद के इंस्पेक्टर विवेक शर्मा को लाइनहाजिर कर दिया है। एसएसपी ने बताया कि दोनों ही मामलों में एसपी देहात को 24 घंटे में जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। दोनों मामलों में गंभीरता से जांच की जा रही है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कांग्रेस की टीम ने 20 लाख के मुआवजे की मांग अनूपशहर सामूहिक दुष्कर्म मामले में मंगलवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के निर्देश पर 5 सदस्यीय टीम पीड़िता के घर पहुंची। कांग्रेस की टीम ने योगी सरकार से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और पीड़ित परिवार को 20 लाख का मुआवजा देने की मांग की।