उत्तर प्रदेश के इस अस्पताल में कुत्ते करते हैं इंसानों का इलाज
बुलंदशहर. उत्तर प्रदेश के सीतापुर में कुत्तों के कहर को भले ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने बेहद संजीदगी से लिया हो, लेकिन बुलंदशहर में सरकारी तंत्र की उदासीनता ने अस्पताल तक को कुत्ते के हवाले कर दिया है। यहां हालात ये है कि जिला अस्पताल तक में मरीजों के बीच डॉक्टर की जग गुत्ते उनका हाल-चाल जानते नजर आ रहे हैं। अस्पताल के हर हिस्से में एक न एक कुत्ता अड्डा जमाए बैठा है। मानो ये कुत्ते मरीजों का इंतजार कर रहे हों और जहां बेड पर मरीज हैं, ये वहां कुत्ते उन्हें ऐसे देख और उनके बिस्तर को चाट रहे हैं मानो इन कुत्तों को ही यहां इलाज के लिए तैनात किया गया है।
हालात ये है कि जिले पुछले कुछ दिनों में ही 150 ज्यादा लोग उत्ते के शिकार बन चुके हैं। ताजा बुलंदशहर के गांव हीरापुर का है। यहां एक आठ बरस के मासूम को बाजार से घर लौटते समय कुत्तों ने घेर लिया और उसे फाड़ डाला। कुत्तों के काटने से घायल भारी संख्या में लोग जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। लेकिन, जिला अस्पताल में किसी को कुत्ता काटने का सही उपचार मिलेगा या नहीं यह तो कहना मुश्किल है, लेकिन अस्पताल में आवारा कुत्तों का झूंड देखऱ लोगों का सरकारी तंत्र से विश्वास उठता जा रहा है। हालात ये है कि जिस वार्ड में मरीजों का इलाज चल रहा है, वहां भी बेड के नीचे से लेकर चारों तरफ कुत्तों का राज है। इन कुत्तों को देखकर मरीज और तीमारदार अस्पताल में भी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
बीमार अस्पताल को इलाज की जरूरत कुत्तों के शिकार मरीज इस उम्मीद के साथ अस्पताल में पहुंचते हैं, ताकि उसको ट्रीटमेंट मिल जाएगा। लेकिन अस्पताल में कुत्तों की घूमती टोली को देखकर उसका हौंसला पस्त हो जाता है। टहलते कुत्तों का नजारा जो आप देख रहे हैं, यह किसी गली मोहल्ले की तस्वीर नहीं है। बल्कि बुलंदशहर मुख्यालय के सरकारी अस्पताल की तस्वीर है। यहां आए दिन कुत्तों की बारात देखी जा सकती है। कई बार तो कुत्ते मरीज के बेड पर ही चढ़ जाते हैं। जिले भर से कुत्तों का शिकार हर रोज 125 से 150 लोग जिला अस्पताल में रैबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए आते हैं। इसमें बच्चों की भी खासा तादाद होती है।