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उल्लेखनीय है कि स्याना में भड़की हिंसा के बाद पुलिस ने बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज को मुख्य आरोपी बनाया था। इसके बाद से पुलिस लगातार उसके ठिकानों पर दबिश देकर उसे तलाश कर रही थी, लेकिन पूरे एक माह बाद योगेश राज को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अब सवाल यह है कि आखिर वह एक माह तक कहां रहा। जबकि इसी बीच उसने एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल किया था, जिसमें उसने हिंसा के आरोपों को सिरे से नकार दिया था। सूत्रों की मानें तो हिंसा के बाद योगेश राज को संगठन के एक बड़े पदाधिकारी के सामने पेश किया गया था। योगेश राज ने संगठन के बड़े पदाधिकारी को बताया कि उसने गोकशी को लेकर नाराजगी जताई थी। हिंसा से उसका कोई लेना-देना नहीं है। योगेश राज ने बताया कि जब हिंसा हो रही थी उस समय वह कोतवाली स्याना में एफआईआर दर्ज करा रहा था। इसका प्रमाण गोकशी की एफआईआर से ही मिल रहा है। पुलिस की छापेमारी में बड़ा खुलासाः यूपी को दहलाने के लिए यहां तैयार किया जा रहा था मौत का सामान, देखें वीडियो- योगेश की इस बात से जब संगठन के पदाधिकारी सहमत हो गए कि उसका हिंसा में कोई दोष नहीं है तो उसको संरक्षण देने का मन बना लिया। उसके बाद उसे गुप्त स्थानों पर रखा गया। ऐसी जगह पर रखा जहां के बारे में कोई सोच भी नहीं सके। योगेश राज को मोबाइल पर किसी से भी बात करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। फिर संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी योगेश राज के बचाव में उतर आए। पुलिस पूछताछ में योगेश राज ने बताया कि उसने हिंसा के बाद अपने मोबाइल फोन से सिम को निकालकर वहीं फेंक दिया था, ताकि पुलिस को उसकी लोकेशन नहीं मिल सके।