हिंसा में हुई थी सुमित की मौत-
बुलंदशहर के स्याना कोतवाली क्षेत्र की चिंगरावटी चौकी पर गोकशी की घटना के बाद जो हिंसा भड़की उसमें एक इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के अलावा एक युवक सुमिक की भी मौत हो गई थी। जिसकी इलाज के बाद मेरठ के निजी अस्पताल में मौत हो गई थी। लेकिन वीडियो के आधार पर सुमित को हिंसा शामिल बताया गया और पुलिस ने मृकर सुमित के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर आरोपी लिस्ट में नाम डाल दिया। जिसके बाद से ही उसके परिजन विरोध कर रहे हैं। हालाकि बाद में सुमित का नाम वापस लेने को भी कहा गया।
प्रशासन पर लगाए आरोप परिवार वालों का कहना है कि सुमित नेशनल डिफेंस अकादमी यानी एनडीए की परीक्षा की तैयारी कर रहा था। वहीं अब मृतक के पिता का आरोप है कि उसने प्रशासन के वायदे के अनुसार अपने बेटे का अंतिम संस्कार तो कर दिया, लेकिन प्रशासन ने आज तक भी उस परिवार की सुध नहीं ली। जिसकी वजह से उन्होंने सरकार पर अन्याय का आरोप लगाया है।
आत्मदाह की दी चेतावनी सुमित के पिता अमरजीत सिंह का कहना है कि उन्हें जिले के अफसरों के द्वारा आश्वासन दिया गया था आर्थिक मदद का लेकिन जिले के अफसरों ने उसके बाद से अब 9 दिन हो चुके लेकिन उनकी सुध नहीं ली। उन्होंने कहा कि जिस तरह इस घटना में मारे गए स्याना के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के लिए आर्थिक सहायता सरकार की तरफ से की गयी है उसी तर्ज पर उनकी भी मदद होनी चाहिए। मृतक सुमित के पिता ने प्रशासन पर असहयोग का आरोप लगाते हुए अल्टीमेटम दे डाला कि अगर प्रशासन ने सुध नहीं ली तो वे 18 तारीख को लखनऊ में विधानसभा के सामने अपनी पत्नी के साथ आत्मदाह कर लेंगे। उन्होंने कहा कि अब उन्हें मुख्यमंत्री योगी से ही कुछ आस है। गौरतलब हो की सुमित के पिता किसान हैं, और घर में चार बेटियां और एक बेटा है,और सुमित को वह नोएडा में किसी तरह तैयारी करा रहे थे। सुमित एनडीए के लिए तैयारी कर रहा था परिजनों की मानें तो सुमित अपने एक दोस्त को छोड़ने के लिए सिंह चिंगरावटी गांव से चौकी तक गया था, तभी अचानक वहां हिंसक घटना हो गई, जिसमें सुमित की जान चली गई। सुमित के पिता अमरजीत सिंह का कहना है कि वह इस मामले में एक-दो दिन और प्रशासन का इंतजार करेंगे अगर प्रशासन ने सुध नहीं ली तो वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने जाकर आत्मदाह कर लेंगे उन्होंने कहा कि उनके साथ उनकी पत्नी भी आत्मदाह करेंगी।