यह भी पढ़ें- बुलंदशहर हिंसा मामले में रिटायर आईएएस अफसरों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांगा इस्तीफा बुलंदशहर में गोकशी की अफवाह के बाद फैली हिंसा में अब राजनीति गरमाने लगी है। ज्ञात हो कि 83 पूर्व नोकरशाहों ने हाल ही में एक पत्र लिखकर इलाहाबाद हाई कोर्ट से बुलंदशहर हिंसा प्रकरण में स्वत संज्ञान लेने और अपनी निगरानी में इस पूरे प्रकरण की जांच कराने का आग्रह करते हुए सरकार पर कई आरोप भी लगाए थे। पूर्व अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर यह पत्र जारी किया था। इस पत्र में पूर्व नौकरशाहों ने चौकी पर हुई हिंसा को राजनीति बताते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा देने की नसीहत तक दे डाली थी। अब बुलंदशहर के अनूपशहर विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजय शर्मा ने भी एक पत्र लिखकर उन तमाम पूर्व अधिकारियों को जवाब देने की कोशिश की है। उन्होंने पिछली सरकारों में हुए पुलिस अधिकारियों पर हमले का जिक्र करते हुए पत्र वायरल करने वाले अधिकारियों को जवाब देते हुए कहा कि वह एक बार खुद पहले बुलंदशहर आएं और यहां के हालात को समझने की कोशिश करें। विधायक संजय शर्मा से जब पत्र लिखने के पीछे का उद्देश्य जानना चाहा तो विधायक ने साफ तौर पर कहा कि वह उन 83 पूर्व नौकरशाहों को जवाब देना चाहते हैं, जिन्होंने सीएम योगी पर मनगढ़ंत आरोप लगाए हैं। संजय शर्मा ने बताया कि जिले में तबलीगी इज्तेमा जैसा आयोजन एक धर्म विशेष के कार्यक्रम को बखूबी संपन्न कराकर सीएम योगी ने यह साबित किया था कि वह सभी के लिए एक जैसा सोचते हैं। उन्होंने कहा कि अगर हिंदू रामलीला के लिए भी कोई परमिशन लेने जाए तो उसे परमिशन के लिए चक्कर काटने पड़ते हैं, लेकिन उसके बावजूद भी उनकी सरकार में इतना बड़ा आयोजन बुलंदशहर में किया गया और वह भी सकुशल संपन्न हुआ।
यह भी पढ़ें- बुलंदशहर हिंसा की जांच करने पहुंची भाजपा की टीम- देखें वीडियो उन्होंने पूर्व नौकरशाहों पर आरोप लगाते हुए कहा कि पत्र लिखकर सीएम योगी और वर्तमान सरकार को घेरने की नाकाम कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने सपा सरकार में हुई एक पुलिस अधिकारी की मौत का जिक्र करते हुए पत्र लिखने वाले पुर अधिकारियों पर निशाना साधा। युवा बीजेपी विधायक संजय शर्मा ने पूर्व नोकरशाहों के द्वारा लिखे गए लेटर को खुली चुनौती देते हुए 3 पेज का एक लेटर जारी किया है, जिसमें बुलंदशहर में हुई घटना का वर्णन किया गया है। साथ ही बुलंदशर में हुए इंस्पेक्टर हत्याकांड का भी जिक्र करते हुए मथुरा में पूर्व की सपा सरकार में अफसर की हत्या का भी जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि उस दौरान ये अधिकारी कहां थे।
संजय शर्मा ने कहा कि पूर्व नौकरशाहों के पत्र के पीछे कहीं न कहीं राजनीति है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की मांग गलत है, उन्होंने किसी पार्टी के इशारे पर यह किया है। उन्होंने कहा कि उन पूर्व नौकरशाहों को पहले एक बार बुलंदशहर आना चाहिए और उन्हें जानना चाहिए कि यह घटना कैसे हुई है। शर्मा ने कहा कि ये पूर्व अधिकारी कौन होते हैं, जो सीएम से इस्तीफा मांगें। बता दें कि 83 पूर्व नौकरशाहों में से जिन लोगों ने यह पत्र लिखा था उनमें से कुछ अधिकारी मुख्य सचिव और डीजीपी जैसे जिम्मेदारी के पदों पर भी रह चुके हैं। जबकि कुछ विदेश मंत्रालय और भारत सरकार के जिम्मेदार अधिकारी रह चुके हैं।