बुलंदशहर

अनशन पर बैठे बुलंदशहर हिंसा में मारे गये सुमित के पिता, कहा- अब तक पूरी नहीं हुई मांग

Highlights

कथित गोकंशी हिंसा में हुई थी शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार और सुमित की मौत
बेटे की मौत के बाद परिजनों ने की थी मुआवजे और बेटे को शहीद का सम्मान देने की मांग
मांग पूरी न होने पर एक साल बाद बेटे की मूर्ति के पास अनशन पर बैठे पिता

बुलंदशहरDec 23, 2019 / 07:19 pm

Nitin Sharma

बुलंदशहर। जिले के स्याना में 3 दिसंबर 2018 को हुई कथित गोकंशी हिंसा में (Inspector) इंस्पेक्टर सुबोध कुमार और चिंगरावठी के सुमित की मौत हो गई थी। सुमित की मौत से आहत परिवार ने बेटे को शहीद का दर्जा देने और दूसरे बेटे को सरकारी नौकरी व मुआवजे की मांग की थी, लेकिन सुमित का एक पत्थर उठाते हुए वीडियो सामने आने पर परिवार को आश्वासन देकर कोई मांग पूरी नहीं की गई। एक साल बाद भी मांग पूरी न होने पर अब सुमित ने पिता सोमवार को आमरण अनशन पर बैठ गये है। उन्होंने कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी। वह धरने पर बैठे रहेंगे।

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एक साल बाद भी पूरी नहीं हुई मांग तो आमरण अनशन पर बैठे पिता

बेटे की मौत के एक साल बाद भी मांग पूरी न होने से नाराज पिता अमरजीत सिंह अपने गांव चिंगरावठी के बाहर आमरण अनशन पर बैठे गये है। उन्होंने पांच मांगे कि है। इनमें पहली मांग सीबीआई जांच हो, दूसरी मांग बेटे सुमित को शहीद का दर्जा दिया जाये, तीसरी मांग सुमित के परिजनों को शहीद के आश्रितों के समान सुविधायें दी जाये। चौथी मांग सुमित की स्थापित प्रतीमा स्थल को शहीद स्मारक घोषित किया जाये। और पांचवी मांग परिवार को मुआवजा दिया जाये। इन मांगों को लेकर पिता ने शांतिपूर्ण तरीके से आमरण अनशन शुरू किया है।

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स्याना हिंसा कांड में गोली लगने से हुई थी सुमित की मौत

बता दें कि चिंगरावठी निवासी अमरजीत सिंह के बेटे सुमित की 3 दिसंबर 2018 को हिंसा के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी। इस हिंसा में कई लोगों के घायल होने के साथ ही स्याना कोतवाली प्रभारी सुबोध कुमार भी शहीद हो गये थे। सुमित की मौत के बाद परिवार ने मुआवजे की मांग की थी। जिसको लेकर पिता कई बार धरने पर बैठ चुके है। उन्होंने मांग की थी कि जब इंस्पेक्टर को शहीद का दर्जा और परिवार को लाखों रुपये का मुआवजा दिया गया तो हमें क्यों नहीं।

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