जिला पंचायत अध्यक्ष हरेन्द्र यादव के इस्तीफा देने के कारण रिक्त हुए अध्यक्ष पद पर मंगलवार को उपचुनाव हुआ। कलेक्ट्रेट परिसर में सुबह 11 बजे से पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान शुरू हो गया। अध्यक्ष पद के लिए महेन्द्र भैया और प्रदीप चौधरी के बीच सीधा मुकाबला था। क्योंकि एक प्रत्याशी प्रीति सिंह ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया था। इस चुनाव में जिला पंचायत के कुल 53 सदस्यों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। बता दें कि महेन्द्र भैया के चुनाव की कमान सपा के बाहुबली और उनके रिश्तेदार एमएलसी नरेन्द्र भाटी ने संभाल रखी थी। वहीं, दूसरी तरफ प्रदीप चौधरी को बीजेपी ने अपना सर्मथन दे दिया था।
22 अगस्त की सुबह पुलिस-प्रशासन कलेक्ट्रेट परिसर में पूरी तरह चौकन्ना था। कलेक्ट्रेट परिसर में सुबह 11 बजे से मतदान शुरू हो गया था। 12 बजे तक 25 जिला पंचायत के सदस्यों ने अपने मत का प्रयोग किया। इस बीच पुलिस और बीजेपी के कार्यकर्ताओं में हल्की-फुल्की कहासुनी भी हुई। बता दें कि वार्ड 22 से जिला पंचायत सदस्य गुड्डी देवी गायब थी। गुड्डी देवी की गुमशुदगी की रिपोर्ट कोतवाली देहात में दर्ज है, लेकिन गुड्डी देवी के कलेक्ट्रेट परिसर (मतदान स्थल) पर पहुंचते ही दोनों तरफ से गुड्डी देवी से मिलने के लिए हंगामा होने लगा।
पुलिस ने स्थिति को संभालते हुए गुड्डी देवी को मतदान स्थल के अंदर पहुंचा दिया। बता दें कि गुड्डी देवी बाहुबली और सपा एमएलसी नरेन्द्र भाटी के साथ मतदान स्थल पहुंची, लेकिन वोट डालने के बाद वो बीजेपी के खेमे में चली गई। इस बात को लेकर पुलिस और महेन्द्र भैया के समर्थकों में झड़प भी हुई। इसके बाद 4 बजे जिला पंचायत के चुनाव का परिणाम घोषित किया गया। इस चुनाव में बीजेपी समर्थित प्रत्याशी प्रदीप चौधरी ने महेन्द्र भैया को एक वोट से पराजित कर दिया। प्रदीप चौधरी को 26 मत मिले, जबकि महेन्द्र भैया को 25 मत प्राप्त हुए। वहीं दो मत कैंसिल हो गए।