हिंदूओं के जमावड़े के बीच अब इस शहर में जुटेंगे लाखों मुसलमान, राम मंदिर पर लिया जाएगा यह अहम फैसला बता दें कि आलमी इज्तिमा की तैयारी के लिए पिछले 60 दिन से लगभग 7 हजार लोग तैयारी में जुटे हैं। ये लोग बुलंदशहर के साथ आगरा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, इलाहाबाद, हापुड़, गाजियाबाद और मेरठ से यहां आए हैं। देश के साथ अन्य देशों से आने वाली जमातों व मेहमानों के इस्तकबाल के लिए पूरे इंतजाम कर रहे हैं। बता दें कि यहां इज्तिमा में बैठने के इंतजामात, वसी (विशाल) आरजी मस्जिद, उम्दा वजू खाने, साफ शफ्फाफ पीने का पानी, साफ-सुथरे शौचालय (बेतुल खलायें) व इस्तंजा खानों के निर्माण और सर्दी-बारिश से बचने के लिए आकर्षक टेंट का इंतजाम आलमी इज्तिमा की कहानी बयां कर रहे हैं।
सिर्फ इतना ही नहीं इज्तिमागाह में आने वाले लाखों लोगों की सहूलियत के लिहाज से हर बीमारी और अनहोनी से बचने के लिए मैयारी दवाखाने, डिस्पेंसरी भी बनाई गईं हैं। साथ ही इज्तिमागाह में कुतुबखाने, पंसारी की दुकानें व कपड़े आदि सहित इज्तिमा के हवाले से जरूरत का हर सामान सस्ता और बेहतर मुहैया कराने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं ने कैम्प लगाए हुए हैं, ताकि लोगों को किसी भी चीज के लिए कहीं दूर न जाना पड़े।
एकतरफा प्यार में युवक ने चाकू से किए ताबड़तोड़ वार, तड़पने लगी युवती तो फिर किया ऐसा काम कि देखने वालों की कांप गई रूह एनएच-91 पर तीन दिन रूट डायवर्जन कार्यक्रम के लिए एनएच-91 को अतिक्रमण मुक्त करा लिया गया है। साथ नगर पालिका की तरफ से भी सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है और बाकायदा सीसीटीवी कैमरे और ड्रॉन कैमरे से भी इस पूरे प्रोग्राम पर प्रशासन नजर बनाए हुए है। एक से तीन दिसंबर तक एनएच-91 को भी डाइवर्ट किया जाएगा। सिकंदराबाद-खुर्जा से एनएच-91 को डाइवर्ट किया जाएगा। वहीं बदायूं और गुलावठी से आने वाले रोड को भी डायवर्ट किया जाएगा।
पुलिस ने किए सुरक्षा के कड़े इंतजाम कार्यक्रम का जायजा लेते हुए डीएम, एसएसपी, सीओ और कई थानों की पुलिस ने जमीनी हकीकत जानकर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए हैं। मौके पर पहुंची जिलाधिकारी अनुजा ने बताया कार्यक्रम के लिए 5 लाख लोगों के आने की परमिशन ली गई है। हमने सारे इंतजाम कर लिए हैं। बाकायदा यहां पर पीडब्ल्यूडी, पुलिस और एसडीएम के अलावा आला अधिकारियों को यहां भेजा गया है। वहीं एसएसपी केवी सिंह बुलंदशहर ने भी कड़ी सुरक्षा के इंतजाम का दावा भी किया है।
1926 में शुरूहुआ था तबलीगी जमाअत का काम गौरतलब है कि तबलीगी जमाअत का काम मौलाना इलियास रहमतुल्लाहिअलैह ने 1926 में शुरू किया था। 1944 में उनके इंतकाल के बाद मौलान यूसुफ़ ररहमतुल्लाहिअलैह ने इसकी बागडोर संभाली। उन्होंने इस ज़िम्मेदारी को बखूबी निभाया, जिससे तबलीगी जमाअतों का आना-जाना शुरू हो गया। 1965 में उनके इंतकाल के बाद मौलाना इनामुल हसन के कंधों पर इस अहम काम की ज़िम्मेदारी आई और उन्होंने भी पूरी लगन और मेहनत से इस काम को बखूबी अंजाम दिया। मगर 1995 में उनके इंतकाल के बाद से इस तबलीगी काम की ज़िम्मेदारी को मौलाना साद साहब अंजाम दे रहे हैं, जो आज भी पूरी दुनिया में जारी है।