बदायूं

स्वामी प्रसाद मौर्य से उनकी बेटी ने ही बना ली दूरी? BJP को जिताने के लिए जा रहीं डोर-टू-डोर

UP Nikay Chunav: निकाय चुनाव में संघमित्रा का उनके पिता के साथ ही मुकाबला हो गया है।

बदायूंApr 30, 2023 / 12:25 pm

Rizwan Pundeer

सपा MLC स्वामी प्रसाद मौैर्य(दायें) बायें में भाजपा के लिए वोट मांगतीं संघमित्रा(बीच में)

समाजवादी पार्टी के MLC और महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या काफी समय से बीजेपी पर हमलावर हैं। एक ओर स्वामी किसी भी सूरत में बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने की बात कह रहे हैं। वहीं उनकी बेटी निकाय चुनाव में भाजपा को जिताने के लिए दिनरात एक कर रही हैं।

स्वामी के चलते बढ़ी थी संघमित्रा की BJP से दूरी
संघमित्रा मौर्या 2019 में भाजपा के टिकट पर बदायूं से सांसद बनी थीं। उस समय स्वामी मौर्य योगी सरकार में मंत्री थे। 2022 के विधानसभा चुनाव में स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा छोड़ सपा ज्वाइन कर ली। स्वामी प्रसाद के भाजपा पर हमलावर होने की वजह से संघमित्रा मौर्य भी पार्टी में साइड लाइन हो गईं। खुद संघमित्रा भी कई मौकों पर पिता के पक्ष में बोलती भी दिखीं। जिसने उनकी पार्टी से तल्खी को बढ़ा दिया।
2022 के विधानसभा चुनाव समय से ही पार्टी में हाशिये पर दिख रही संघमित्रा निकाय चुनाव में फिर से एक्टिव दिख रही हैं। संघमित्रा ना सिर्फ भाजपा के मंचों पर दिख रही हैं बल्कि बिल्सी से बीजेपी प्रत्याशी ज्ञान देवी के चुनाव कार्यालय के उद्घाटन करने भी खुद पहुंचीं। नगर पालिका परिषद बदायूं के वार्ड 22 में तो संघमित्रा ने पैदल घर घर जाकर वोट मांगे हैं।


बेटी की राजनीति की राह अलग हो रही, या पिता के लिए राह बना रही?
संघमित्रा के भाजपा में एक्टिव दिखने के बाद दो तरह की बातें सियारी पंडित कह रहे हैं। पहली ये कि संघमित्रा अब पिता की छत्रछाया से अलग होकर भाजपा में रहकर राजनीति करना चाहती हैं। ये उसी की झलक है। दूसरी बात ये कि संघमित्रा पिता को भी वापस भाजपा में लाना चाहती हैं और निकाय चुनाव में प्रचार कर वो उसका रास्ता साफ कर रही हैं।

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