बदायूं

फिल्म आर्टिकल-15 से ताजा होंगी बदायूं काण्ड की यादें, विरोध भी हुआ शुरू

इस काण्ड पर यूएन ने भी चिंता जाहिर की थी। अब एक बार फिर इस काण्ड का दर्द बड़े पर्दे दिखेगा।

बदायूंJun 08, 2019 / 08:41 pm

jitendra verma

फिल्म आर्टिकल-15 से ताजा होंगी बदायूं काण्ड की यादें, विरोध भी हुआ शुरू

बदायूं। आयुष्मान खुराना की आने वाली फिल्म आर्टिकल 15 मुसीबत में फंसती नजर आ रही है। फिल्म को कथित तौर पर बदायूं में हुई घटना से प्रेरित बताया जा रहा है। ये मामला देश ही नहीं विदेशों में भी सुर्ख़ियों का कारण बना था और इस काण्ड पर यूएन ने भी चिंता जाहिर की थी। फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के बाद इस फिल्म को बदायूं की घटना से जोड़ कर देखा जा रहा है। फिल्म में आरोपियों की जाति को लेकर विरोध शुरू हो गया है। ब्राह्मण समाज आरोपियों की जाति को लेकर आपत्ति दर्ज करा रहा है। बदायूं के कटरा काण्ड का जिक्र टॉयलट एक प्रेमकथा मूवी में भी हो चुका है। इशारा था कि किस तरह घर में शौचालय न होने के कारण इस तरह की घटनाएं हो जाती हैं।
क्या था मामला

उसहैत थाना क्षेत्र के कटरा सहादतगंज गाँव की रहने वाली दो चचेरी बहने शौच के लिए रात्रि में घर बाहर गई थी। जब लड़कियां काफी देर तक घर नहीं पहुंची तो उनके परिजनों ने लड़कियों को खोजना शुरू किया। दोनों लड़कियों के शव गाँव के बाहर आम के पेड़ से लटके मिले। दोनों लड़कियों के साथ रेप किया गया था और लड़कियां मुंह न खोले इसके लिए दोनों को मारकर आम के बाग़ में लटका दिया गया। लड़कियों के शव मिलने के बाद हंगामा हो गया जिसके बाद पुलिस ने गाँव के पप्पू यादव, अवधेश यादव, उर्वेश यादव और कटरा चौकी पर तैनात सिपाहियों सत्यपाल और सर्वेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया था।
काफी दिनों तक सुर्ख़ियों में रहा मामला

ये मामला काफी दिनों तक सुर्ख़ियों में रहा। इस घटना के बाद तत्कालीन अखिलेश सरकार की क़ानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लग गया था। घटना के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती , कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत तमाम नेता गाँव पहुंचे थे। गाँव में काफी दिनों तक देश ही नहीं विदेश के भी मीडियाकर्मियों का जमवाड़ा लगा रहा। इस मामले में जमकर सियासत भी हुई और कई पुलिस अफसरों पर गाज भी गिरी।
Badaun case memories will be fresh from film Article -15
आरोपी जमानत पर

इस घटना के बाद जब अखिलेश सरकार पर दबाव पड़ा तो मामले की जांच एसआईटी को दी गई। एसआईटी के बाद सीबीआई ने भी जांच की लेकिन वो भी किसी नतीजे तक नहीं पहुंची और क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई। पीड़ित परिवार ने इसका विरोध किया और ये मामला स्थानीय अदालत के साथ हाईकोर्ट भी पहुंचा। बदायूं की पॉक्सो कोर्ट ने रिपोर्ट खारिज कर दी। आरोपियों के खिलाफ मामला अभी भी विचाराधीन है और आरोपी जमानत पर हैं।

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