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भूमि पेडनेकर बोलीं- दिखावट से बचे, खुद को उसी तरह स्वीकार करें जैसे आप दिखते हैं

भूमि पेडनेकर (Bollywood actress Bhumi Pednekar ) का कहना है कि सेल्फ-एक्सेप्टेंस और सेल्फ-लव ने वजन घटाने की उनकी यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। साथ ही खुद को देखने का तरीका अहमियत रखता है। आप खुद को उसी रूप में स्वीकार करें जैसे आप दिखते हैं।’

Jun 13, 2020 / 04:23 pm

Shaitan Prajapat

Bhumi Pednekar

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बॉलीवुड अभिनेत्री भूमि पेडनेकर (Bollywood actress Bhumi Pednekar ) का कहना है कि सेल्फ-एक्सेप्टेंस और सेल्फ-लव ने वजन घटाने की उनकी यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मजबूत भूमिकाओं के साथ बॉलीवुड में अपनी जगह बनाने के साथ ही उन्होंने अपनी पहली फिल्म ‘दम लगा के हईशा’ (first film ‘Dum Laga Ke Haisha’) के लिए अपना वजन बढ़ाने और फिर उसे कम करने को लेकर भी खासी प्रसिद्धि पाई। जब अभिनेत्री से एक फिटनेस टिप साझा करने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा, ‘सेल्फ-एक्सेप्टेंस और सेल्फ-लव वजन घटाने की यात्रा की कुंजी है। साथ ही खुद को देखने का तरीका अहमियत रखता है। आप खुद को उसी रूप में स्वीकार करें जैसे आप दिखते हैं।’
Bhumi Pednekar
एक्ट्रेस ने आगे कहा कि आपको अनुशासित भी होना चाहिए। मेरे मामले में बात करूं तो मैं शाम 7.30 बजे के बाद कभी भी जिम जाने से नहीं चूकती थी और इस समय के बाद कुछ भी नहीं खाती थी। अपने पसंदीदा कैरेक्टर के बारे में भूमि ने कहा, ‘मैं अपने पसंदीदा कैरेक्टर के बारे में फैसला नहीं कर सकती। मैंने अब तक आठ फिल्मों में काम किया है, उनमें से अगर मैं पिछले साल के सबसे मजेदार किरदारों को चुनूं तो वे ‘सांड की आंख’ और ‘पति पत्नि और वो’ हैं।’
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टफ किरदार के लिए लिया चैलेंज
हाल ही एक इंटरव्यू में भूमि ने अपनी हर फिल्म की चॉइस से रूढ़ियों (Stereotypes) को तोड़ने को लेकर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि मेरी फिल्मों की सबसे बड़ी खासयित यह रही कि मुझे इनसे रचनात्मक संतुष्टि मिली। इन फिल्मों को करने का उनका मुख्य उद्देश्य अपने काम और टैलेंट को लोगों को दिखाना था। मैं अच्छे डायरेक्टर्स के साथ काम करने और अच्छी कहानियों का हिस्सा बनने को लेकर लालची थी। एक्ट्रेस का कहना है, ‘मेरे दिमाग में सिर्फ एक ही बात चल रही थी कि मुझे एक के बाद एक बेहतरीन फरफॉर्मेंस देनी हैं। इसके अलावा कुछ भी मेरे लिए मायने नहीं रखता। ‘सांड की आंख’ फिल्म्म में मेरा किरदार एक साहसी दादी का था जो मैंने खूब एन्जॉय किया। सबसे खास बात यह थी कि दादी के डायलॉग से ज्यादा उनकी बंदूक बोलती थी।

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