येशु विशेष रूप से एक परोपकारी बच्चे की कहानी है। जो सिर्फ अच्छा ही करना चाहता है और अपने आसपास खुशियां फैलाता है। सभी के लिए उसका प्यार और करुणा उन बुरी शैतानी शक्तियों के लिए बिल्कुल विपरीत है, जो उनके जन्म और बचपन के दौरान मौजूद थी। अपने परिवार और समाज पर होने वाले अत्याचारों ने उन्हें काफी प्रभावित किया। दूसरों की मदद करने और उनके दर्द को कम करने की कोशिश अक्सर उन्हें उस राह पर ले जाती थी, जहां वह निश्चित रूप से आहत होते थे और ना सिर्फ उत्पीड़न को बल्कि एक बड़ी संख्या में लोगों द्वारा भी उनकी निंदा की जाती थी। लेकिन आखिरकार यह चीजें भी उन्हें उनके रास्ते पर चलने से नहीं रोक पाई। येशु की कहानी अच्छाई बनाम बुराई के बीच की सिर्फ एक आदर्श कहानी ही नहीं बल्कि यह येशु और उनकी समर्थक एवं मार्गदर्शक बनी उनकी मां के बीच के खूबसूरत रिश्ते को भी दर्शाता है।