विद्या के मुताबिक- ‘इसी दौरान एक दक्षिण भारतीय फिल्म की कास्टिंग से पहले मेरे जन्म का समय भी मांगा गया था। इसके बाद उन्हें तीन फिल्मों के ऑफर मिले, लेकिन वो सभी भी डिब्बे में बंद हो गईं और उन्हें पनौती कह कर निकाल दिया गया। उन्होंने कहा ‘वह दौर मेरे लिए काफी मुश्किलों भरा था, लेकिन मेरे माता-पिता ने मेरा साथ दिया।
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आपको बता दें कि शुरूआत में विद्या बालन ने कई टेलीविजन एड में काम किया। 2003 में विद्या बालन ने बंगाली फिल्म ‘भालो थेको’ में लीड रोल प्ले किया था। इसक बाद साल 2005 में फिल्म ‘परिणिता’ ने विद्या बालन की जिंदगी बदल दी और करियर में विद्या ने बॉलीवुड में अपनी पकड़ मजबूत कर ली। इसके बाद फिल्म ‘भूल भुलैया’ से लेकर ‘द डर्टी पिक्चर’ के बोल्ड कैरेक्टर तक या फिर ‘कहानी’ की दमदार अदाकार तक विद्या ने अपने हर रोल में जान भर दी।