एक इंटरव्यू के दौरान ऋषि कपूर ने कहा था कि- यह बात 1973 की है, फिल्म ‘बॉबी’ के लिए बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मुझे मिला, लेकिन उस वक्त ‘जंजीर’ में अमिताभ बच्चन ने मुझसे कहीं ज़्यादा बेहतर एक्टिंग की थी, इसका जूझे हमेशा अफ़सोस रहेगा। उन्होंने बताया कि अमिताभ से उनकी अभिनय में कड़ी टक्कर थी, ऋषि कपूर को हमेशा ये महसूस होता रहा है कि शायद यही वजह रही है कि अभिताभ और उनके रिश्ते इसी वजह से ठंडे पड़ गए थे।
खबरों के अनुसार ऋषि कपूर ने इस बात का ज़िक्र अपनी ऑटोब्रायोग्राफी ‘खुल्लम खुल्ला’ में किया है। उन्होंने कहा कि ये वाकया तब का है जब ऋषि मात्र 21 साल के थे, पूरी तरह मेच्योर भी नहीं हुए थे। उन्होंने बताया कि- ‘एक व्यक्ति मेरे ऑफिस में आ कर कहा यदि आप 30 हजार रुपये देंगे तो आपको अवॉर्ड मिल जाएगा, मैंने ऐसा किया, लेकिन मुझे ऐसा करने का अफसोस है।’
दाऊद से हुई थी मुलाकात ऋषि कपूर ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में इस बात को खुले दिल से स्वीकार किया है कि साल 1988 में वे जिगरी दोस्त बिट्टू आनंद के साथ आशा भोसले और आरडी बर्मन के कार्यक्रम में शरीक होने दुबई गए थे, वहीं दाऊद इब्राहीम से उनकी भेंट हुई थी।
इस ऑटोबायोग्राफी में एक्टर ने खुलासा किया है कि ‘फोन पर दाऊद ने बहुत सलीके से बात की और यह भरोसा दिलाया कि यहां किसी चीज की जरूरत हो तो मुझे इत्तला करें। दाऊद ने अपने घर भी बुलाया था, मैं इन बातों से हैरान था।’ ऋषि कपूर ने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने दाऊद का न्योता स्वीकार भी किया था।