जब ‘दम मारो दम’ गाना सुनकर पंचम दा के पिता ने झुका लिया सिर, जानिए पूरा मामला
एसडी बर्मन पर लिखी गई एक किताब ‘एसडी बर्मन: द वर्ल्ड ऑफ म्यूजिक’ में इस किस्से का जिक्र किया गया था। इस किताब में पंचम दा और उनके पिता के रिश्ते के बारे में खुलकर बात की गई है। इसमें बताया गा है कि दोनों ही संगीत में महान थे। ऐसे में कई बार ऐसा भी होता था जब वह दोनों एक दूसरे से उनके म्यूजिक को लेकर सहमत नहीं होते थे।
नई दिल्ली। फिल्म इंडस्ट्री में संंगीतकारों का जलवा भी कायम है। संगीत एक ऐसी कला है जिसे सुनकर हर किसी का मन खुशी से झूम उठता है। ऐसा ही संगीत देने में राहुल देव बर्मन उर्फ आरडी बर्मन महारत हासिल थी। पंचम दा को सब प्यार से आरडी बर्मन बुलाया करते थे। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को कई सुपरहिट गाने दिए हैं। उनका जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ था, जहां संगीत के दिग्गजों का बोलबाला था। उनके पिता सचिन देव बर्मन भी अपने जमाने के महान संगीतकार थे। वहीं, उनकी मां मीरा को भी संगीत का काफी ज्ञान था।
परिवार में संगीत का माहौल होने के कारण पंचम दा को भी बचपन से ही संगीत में रुचि होने लगी। पंचम दा ने एक धुन बनाई थी। जिसे उनके पिता एसडी बर्मन ने 1956 में आई फिल्म ‘फंटूश’ में इस्तेमाल किया था। वो गाना था- ‘ऐ मेरी टोपी पलट’। इसके बाद पंचम दा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक से बढ़कर एक गाने दिए। लेकिन एक बार पंचम दा ने ऐसा गाना बनाया, जिसे सुनने के बाद उनके पिता एसडी बर्मन नाराज हो गए थे।
एसडी बर्मन पर लिखी गई एक किताब ‘एसडी बर्मन: द वर्ल्ड ऑफ म्यूजिक’ में इस किस्से का जिक्र किया गया था। इस किताब में पंचम दा और उनके पिता के रिश्ते के बारे में खुलकर बात की गई है। इसमें बताया गा है कि दोनों ही संगीत में महान थे। ऐसे में कई बार ऐसा भी होता था जब वह दोनों एक दूसरे से उनके म्यूजिक को लेकर सहमत नहीं होते थे। 1971 में रिलीज हुई फिल्म ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ के दौरान ऐसा ही हुआ था।
दरअसल, पंचम दा इस फिल्म के लिए ‘दम मारो दम’ गाना बना रहे थे। ये गाना उस दौर का सुपरहिट था। आज भी लोगों के जुबां पर इस गाने को सुना जा सकता है। किताब में बताया गया है कि जब एसडी बर्मन ने स्टूडियो में ‘दम मारो दम’ गाने की रिकॉर्डिंग सुनी तो वह निराश और काफी नाराज हो गए। उन्हें ऐसा लगने लगा कि जिस बेटे को उन्होंने बचपन से ही संगीत सिखाया था, उसने उनकी सीख को छोड़ दिया है। राहुल ने अपने पिता को सिर झुकाए स्टूडियो से धीरे-धीरे बाहर निकलते देखा। ऐसा लग रहा था कि कोई पराजित राजा युद्ध से पीछे हट रहा हो। हालांकि, फिल्म रिलीज होने के बाद ये गाना सुपरहिट हुआ था। ये गाना जीनत अमान और देव आनंद पर फिल्माया गया था।