एमपी रहते हुए क्या किया दरअसल ये बात साल 1983 की है जब अमिताभ फिल्ममेकर टिनू आनंद की फिल्म ‘मैं आजाद हूं’ कि शूटिंग कर रहे थे। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन के साथ शबाना आजमी नजर आईं थीं। ये वो ही फिल्म थी जिससे अमिताभ बॉलीवुड में री लॉन्च हो रहे थे क्योंकि उससे पहले वो फिल्मों से दूर होकर राजनीतिक में सक्रिय हो गए थे। एक दिन राजकोट में शूटिंग के दौरान बात बात में शबाना आजमी ने अमिताभ से एक सवाल पूछा कि क्या एमपी रहते हुए उन्होंने कोई चीज बदली या कोई नया कानून लेकर आए? इसके जवाब में अमिताभ बच्चन ने कहा था हां, और फिर उसके बारे में बताया।
अशोक स्तंभ का बताया अपमान अमिताभ ने बताया कि एक बार वो राष्ट्रपति भवन में रात के खाने पर गए थे। वो खाने की मेज पर बैठे तो सामने लगी प्लेट पर उनकी नजर गई और उनका माथा ठनका। दरअसल जिस प्लेट में सब लोग खाना खा रहे थे उस प्लेट पर राष्ट्रीय प्रतीक यानि अशोक स्तंभ बना हुआ था। ये बात अमिताभ को सही नहीं लगी। उन्होंने संसद में इस बात को रखते हुए कहा कि खाने की प्लेट पर राष्ट्रीय प्रतीक का होना उसका अपमान है।
अमिताभ के ये बात सामने रखने के कुछ ही दिन बाद एक कानून पारित हुआ, जिसमें ये कहा गया कि खाने की प्लेटों पर राष्ट्रीय प्रतीक नहीं होगा। इस तरह अमिताभ बच्चन के कारण राष्टपति भवन का सालों पुराना नियम बदल दिया गया।
हेमवंती नंदन के खिलाफ जीते थे चुनाव आपको बता दें साल 1984 में अमिताभ बच्चन ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कहने पर इलाहाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ा था। उन्होंने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवंती नंदन बहुगुणा के खिलाफ ये चुनाव लड़े थे। जिसमें अमिताभ बच्चन ने जीत हासिल की थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि उस समय में हेमवंती नंदन बहुगुणा को हराना बहुत भी मुश्किल हुआ करता था। इसके बाद उन्होंने राजनीति को अलविदा कह दिया।