बीबीसी से बात करते हुए काजोल ने बताय था कि मैंने बेटे के सवाल पर कहा था कि, “जब तुम बड़े हो जाओगे और तुम्हारी पत्नी काम पर जाएगी, तो तुम उसमें गलती नहीं तलाश करोगे। उस वक्त तुम्हारे लिए ये सामान्य होगा। उन्होंने आगे कहा था कि, “अगर मैं अपने बेटे की सोच बदलने में कामयाब रही, तो मुझे लगेगा कि बतौर मां और नारीवादी महिला के बेहतरीन काम किया है।
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गौरतलब है कि महिला के कामकाजी होने पर भारतीय समाज अक्सर परिवार की उपेक्षा करने का आरोप लगाता है। महिलाओं के बारे में आम धारणा है कि उसे घर का कामकाज संभालना चाहिए। महिलाओं का अपने बारे में फैसला लेने को अलग नजरिए से देखा जाता है। इस सोच को बदलने के लिए त्रिभंगा जैसी फिल्म बनाई गई थी। इस फिल्म को रेणुका शहाणे ने निर्देशित किया था।