जॉनी का नाम ‘हिंदुस्तान लीवर’ कंपनी के नाम पर पड़ा था। दरअसल, जॉनी के पिता इस कंपनी में काम करते थे और कभी-कभी जॉनी भी अपने पिता के साथ उनके ऑफिस चले जाया करते थे। यहां जॉनी अक्सर दफ्तर में कोई कार्यक्रम के दौरान फ़िल्मी कलाकारों की मिमिक्री करते थे और वे लोगों को ख़ूब हंसाते थे। ऐसे में लोग जॉनी को जॉनी लीवर बुलाने लगे। आगे जाकर उन्होंने यहीं नाम रख लिया और फिर जॉनी ने हिंदी सिनेमा भी इसी नाम के साथ एंट्री ली। आज चाहे जॉनी को दुनिया जानती हों और वे करोड़ों रुपये की संपत्ति के मालिक हैं हालांकि कभी वे भी एक आम आदमी की तरह जीवन जीते थे। हिंदी सिनेमा में काम करने से पहले उन्होंने सड़कों पर पेन बेचने का काम भी किया था। इस दौरान वे ग्राहकों को रिझाने के लिए भी मिमिक्री करते थे।
बता दें कि हिंदी सिनेमा में जॉनी लीवर ने अपने करियर का आगाज साल 1984 में किया था। बहुत जल्द ही वे बॉलीवुड के लोकप्रिय हास्य अभिनेताओं में शुमार हो गए थे। उनका फ़िल्मी करियर बेहद शानदार रहा है। अभिनेता ने कुल 350 से अधिक फिल्मों में काम किया है और यह सिलसिला अब भी जारी है।
वर्कफ़्रंट की बात करें तो जॉनी लीवर को आख़िरी बार साल 2020 में बड़े पर्दे पर देखा गया था उनकी आख़िरी फिल्म ‘कुली नंबर वन’ थी फिल्म में वरुण धवन और सारा अली खान ने अहम रोल निभाया था।