दरअसल धर्मेंद्र ने अपने करियर की शुरुआत जीरो से की थी। पंजाब के छोटे से गांव का रहने वाला लड़का बंबई शहर में अपने बड़े-बड़े सपने सच करने आया था। पर इस बीच ऐसा भी हुआ जब धर्मेंद्र का मनोबल कई बार टूटा और उन्हें लगने लगा था कि उन्हें वापस अपने गांव चले जाना चाहिए।
धर्मेंद्र अपनी पहली फिल्म का प्रेमियर देखने पहुंचे धर्मेंद्र ने ये किस्सा शेयर करते हुआ एक इंटरव्यू में बताया था कि जब वो मुंबई नए-नए आए थे और जब उन्हें काम मिलना शुरू हो गया था। धर्मेंद्र ने सबसे पहले साल 1960 में आई फिल्म ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ में काम किया था। इसके बाद 1961 में आई फिल्म ‘बॉयफ्रेंड’ में भी वो पुलिस इंस्पेक्टर सुनील सिंह के सपोर्टिंग रोल में नजर आए थे।
जब धर्मेंद्र अपनी पहली फिल्म का प्रेमियर देखने थिएटर पहुंचे। उस वक्त वो खुद को स्क्रीन पर देख रहे थे और बड़े ध्यान से अपनी परफॉर्मेंस से लेकर लुक को देख रहे थे। फिल्म में उन्हें खुद की सूरत पसंद नहीं आई। धर्मेंद्र ने बताया था कि वो अपने सबसे बड़े क्रिटेक हैं और वो खुद को देख कर इतना उब गए थे कि वो इंटरवल में फिल्म आधी छोड़कर बाहर आ गए।
मुझे बॉलीवुड छोड़कर वापस गांव चले जाना चाहिए एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में धर्मेंद्र ने बताया था कि ‘उस वक्त कोई मुझे पहचानता नहीं था, मैं शुटिंग के दौरान काफी बीमार भी हो गया था। मुझे जॉन्डिस (पीलिया) हो गया था। मेरी शक्ल भी काफी कमजोर हो गई थी।
धर्मेंद्र ने आगे बताया था कि मैं फिल्म में खुद को भी नहीं पहचान पा रहा था। मुझे खुद को देखने में ही झिझक हो रही थी, तो मैं फिल्म के इंटरवल में ही बाहर आ गया। उस वक्त मुझे लगा कि मैं इसमें फिट नहीं बैठ रहा हूं। पिक्चर देख कर मुझे लगा कि यार मुझे बॉलीवुड छोड़कर वापस गांव चले जाना चाहिए। लेकिन फिर अंदर से मेरी आत्मा ने मुझसे कहा नहीं धर्मेंद्र रुक और आगे बढ़। इसके बाद में आगे ही बढ़ता गया।