पहले कभी किसी पर हाथ नहीं उठाया था
ये किस्सा खुद एक्ट्रेस अमृता राव जूम को दिए इंटरव्यू में सुनाया था। अमृता ने बताया था कि उन्हें फिल्म ‘इश्क विश्क’ के सीन के लिए शाहिद कपूर को एक जोरदार थप्पड़ मारना था। जिससे मैं बहुत घबरा गई थी, क्योंकि मैंने इससे पहले कभी किसी पर हाथ नहीं उठाया था।
ये किस्सा खुद एक्ट्रेस अमृता राव जूम को दिए इंटरव्यू में सुनाया था। अमृता ने बताया था कि उन्हें फिल्म ‘इश्क विश्क’ के सीन के लिए शाहिद कपूर को एक जोरदार थप्पड़ मारना था। जिससे मैं बहुत घबरा गई थी, क्योंकि मैंने इससे पहले कभी किसी पर हाथ नहीं उठाया था।
ऑडियंस का माइंडसेट डिवाइड करना था
वहीं, डायरेक्टर को ऐसा परफॉर्मेंस चाहिए था जिससे ऑडियंस का माइंडसेट इंटरवल में डिवाइड हो जाए। जैसे- फिल्म के बीच में लड़कियां कहें कि पायल ने बहुत अच्छा किया, वहीं लड़के कहें कि पायल ने गलत किया। इसलिए डायरेक्टर मुझसे असल में शाहिद को थप्पड़ मारने को कह रहे थे। उन्होंने कहा था कि इसमें मुझे बिलकुल रियल दिखना है, नो एक्टिंग।
वहीं, डायरेक्टर को ऐसा परफॉर्मेंस चाहिए था जिससे ऑडियंस का माइंडसेट इंटरवल में डिवाइड हो जाए। जैसे- फिल्म के बीच में लड़कियां कहें कि पायल ने बहुत अच्छा किया, वहीं लड़के कहें कि पायल ने गलत किया। इसलिए डायरेक्टर मुझसे असल में शाहिद को थप्पड़ मारने को कह रहे थे। उन्होंने कहा था कि इसमें मुझे बिलकुल रियल दिखना है, नो एक्टिंग।
शाहिद की मां नीलिमा आजमी ने की मदद
लेकिन मैं शाहिद को थप्पड़ मारने का सीन नहीं कर पा रही थी। तब मेरी मदद शाहिद की मां नीलिमा आजमी ने की थी। नीलिमा जी हमेशा हमें मोटीवेट करने के लिए सेट पर आया करती थीं। ऐसा पहली बार हो रहा था कि मैं जिंदगी में किसी को थप्पड़ मारने की तैयारी कर रही थी।
लेकिन मैं शाहिद को थप्पड़ मारने का सीन नहीं कर पा रही थी। तब मेरी मदद शाहिद की मां नीलिमा आजमी ने की थी। नीलिमा जी हमेशा हमें मोटीवेट करने के लिए सेट पर आया करती थीं। ऐसा पहली बार हो रहा था कि मैं जिंदगी में किसी को थप्पड़ मारने की तैयारी कर रही थी।
नीलिमा जी काफी टिप्स दिया करती थीं
मैंने एक्टिंग में कोई फॉर्मल ट्रेनिंग नहीं ली है ऐसे में नीलिमा जी मुझे काफी टिप्स दिया करती थीं। मैम मेरे ठीक बगल में खड़ी होकर मुझे लगातार प्रोत्साहित कर रही थीं कि- अमृता तुमको ये करना होगा, करो करो मारो उसे। ये बहुत फनी भी था, लेकिन उन्होंने मेरा बहुत प्रोत्साहन बढ़ाया और मैंने कर दिखाया।
मैंने एक्टिंग में कोई फॉर्मल ट्रेनिंग नहीं ली है ऐसे में नीलिमा जी मुझे काफी टिप्स दिया करती थीं। मैम मेरे ठीक बगल में खड़ी होकर मुझे लगातार प्रोत्साहित कर रही थीं कि- अमृता तुमको ये करना होगा, करो करो मारो उसे। ये बहुत फनी भी था, लेकिन उन्होंने मेरा बहुत प्रोत्साहन बढ़ाया और मैंने कर दिखाया।
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