जब कोमा में चले गए थे Amitabh Bachchan, तब Indira Gandhi ने ‘देवरहा बाबा’ से बनवाया था ‘ताबीज’?
वैसे तो अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की जिंदगी से जुड़े कई किस्से हैं, जो आज भी अनसुने हैं. आज हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़ा एक ऐसे किस्सा बताने जा रहे हैं जिसका संबंध इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) से है.
जब कोमा में चले गए थे Amitabh Bachchan, तब Indira Gandhi ने ‘देवरहा बाबा’ से बनवाया था ‘ताबीज’?
बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर्स में गिने जाने वाले सदी के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) आज के समय पर अपने करोड़ों फैंस के दिलों पर राज करते हैं. आज भी अगर बिग बी को लेकर कोई बूरी खबर सामने आती हैं तो फैंस उनके लिए मंदिरों और मस्जिदों में प्रार्थना करते हैं. ऐसे में उनकी जिंदगी से जुड़े बेहद से ऐसे किस्से हैं, जिनके बारे में उनके फैंस नहीं जानते, जो कभी किसी के सामने नहीं आए. आज हम भी आपको उनसे जुड़ा एक खास किस्सा बताने जा रहे हैं, जिसका संबंध देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) से जुड़ा है.
ये किस्सा साल 1983 का है, जब अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘कुली’ जबरदस्त हिट साबित हुई थी, लेकिन इस फिल्म के सेट पर उनके साथ एक बड़ा हादसा हो गया था, जिससे उनके पेट में काफी गंभीर चोट आई थी, जिसके बाद उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इतना ही नहीं खबरों की माने तो वे कोमा में चले गए थे और डॉक्टरों ने उन्हें उन्हें क्लिनिकली डेड तक बता दिया था. इस हादसे के बारे में जब देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पता चला तो वे बेहद दुखी हो गईं. इसके बाद उन्होंने ‘देवरहा बाबा’ से एक खास ताबीज भी मंगाया था.
बताया जाता है कि ये ताबीज 10 दिनों तक अमिताभ बच्चन के तकिए के नीचे रखा गया था, जब तक अमिताभ बच्चन ठीक नहीं हो गए. खबरों की माने तो बताया जाता है कि ‘देवरहा बाबा’ को लेकर कई प्रसिद्धियां मौजूद हैं. कोई इस बाबा को सिद्ध पुरुष कहता है तो कोई इनको चमत्कारिक बाबा बताया करते थे. कहा जाता था कि बाबा लोगों के मन की बातें बिना बताए ही जान लिया करते थे. इतना ही नहीं खबरों के अनुसार पूर्व पीएम इंदिरा गांधी से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) तक उनसे आशीर्वाद लिया करते थे.
इसकी को लेकर एक किस्सा काफ फेमस हैं. बताया जाता है कि साल 1977 में जब इंदिरा गांधी चुनाव हार गई थीं, तब वे देवरहा बाबा से आशीर्वाद लेने गई थीं. बाबा ने उन्हें हाथ उठाकर पंजे से आशीर्वाद दिया था. यही वजह थी कि जब इंदिरा ने चुनाव लड़ा तो उन्होंने कांग्रेस का निशान पंजा ही तय किया था. साल 1980 में हुए चुनावों में इंदिरा गांधी को शानदार जीत मिली. बता दें कि ‘देवरहा बाबा’ का जन्म देवरिया जिले में हुआ था. उन्होंने 19 जून 1990 को शरीर छोड़ दिया था. उनके अनुयायी मानते हैं कि वे करीब 500 साल तक जिंदा थे और उनमें कई चमत्कारी शक्तियां भी थीं.